कविता-विज्ञान में हम को आधुनिक बनाया
कविता-विज्ञान में हम को आधुनिक बनाया
यह विज्ञान है जिसने
हमको आधुनिक बनाया
आसान हुआ हर काम हमको
इस लायक बनाया
घंटों का काम मिनटों में
मिनटों का काम सेकंड में बनाया
विज्ञान के दम पर भारत ने
आत्मनिर्भरता की ओर कदम बढ़ाया
दबाया बटन काम हो जाए
विज्ञान ने समय बचाया
छोड़ पैदल,साइकिल,गाड़ी,हमें
आसमान में उड़ना सिखाया
सिलेट कलम छोड़ हमें
लैपटॉप से पढ़ना सिखाया
सोचा नहीं था जीवन में जो वह काम
विज्ञान ने करके दिखाया
बस विज्ञान ने यह नहीं बताया
बिना पिलर के आसमान कैसे टिकाया
जीवों की जीवन मृत्यु
कैसे होती है यह नहीं बताया
विज्ञान ने ऊपर वाले जैसा
करिश्मा नहीं दिखलाया
सच मानो ऊपर वाले ने
मनुष्य को विज्ञान सिखलाया-3
-रचनाकार- कर विशेषज्ञ, स्तंभकार,साहित्यकार,कानूनी लेखक, चिंतक, कवि, एडवोकेट किशन सनमुखदास भावनानी गोंदिया महाराष्ट्र