साहित्यकार महान
June 04, 2022 ・0 comments ・Topic: poem Veena_advani
साहित्यकार महान
शब्दों के महाजाल का चक्रव्यूह बड़ा जंजाल
इसमें उलझ सुलझ बने तीखे शब्द विकार
लेखक है रोक ना पाए गहन जज़्बात कलाम
लिख देता दिल में होता जो यही गहन विज्ञान
कहां सोचता फल कि इच्छा यही उसका ज्ञान
हर मुद्दे पर कलम चला खींचे सबका ध्यान
जिसका ध्यान न हो उसे भी दिलाए ये संज्ञान
निकाले शब्द एसे-एसे चुभे जैसे तीर कमान।।
शब्द संजो कर प्रेम से करे श्रृंगार रसपान
शब्द संजोए द्वेष से जबब रौद्र रुप करे ना विश्राम
हर रुप , रस , रंग को संजोता साहित्यकार महान।।
वीना आडवाणी तन्वी
नागपुर, महाराष्ट्र
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