अराजक पत्नी पुरस्कार

 व्यंग्य

" अराजक पत्नी पुरस्कार " 

इधर हर जोन में व्यक्ति के " सेपरेट " या कह लें "कंफर्ट " जोन में रहने की आकाँक्षा बढ़ी है l संयुक्त परिवार की अवधारणा धीरे - धीरे खत्म हो रही है l समाज में अलगाव वाद की प्रवृति तेजी से पनप रही है l ये कहने की जरूरत नहीं है कि समाज में आजकल जो " पारिवारिक विघटन " की समस्या उत्पन्न हुई है l उसकी " सूत्रधार " ये अराजक पत्नियाँ " ही रहीं हैं l अपवाद में कुछ पति भी हो सकते हैं l 

"अराजक पत्नियाँ " घरेलू काम- काज और घर की साफ - सफाई , चूल्हा - चौकी से निजात चाहतीं हैं l वो चाहती हैं कि वो हमेशा अपने लोगों के साथ रहें l अपने लोगों से तात्पर्य है , मिंयाँ , बीबी और बच्चा l अराजक पत्नियों की हमेशा ये ही मँशा रहती है कि शादी के बाद पति का केवल और,केवल उसकी पत्नी से ही संबंध रहे l पति , अपने माँ- बाप , भाई - बहन सबसे रिश्ते- नाते पति तोड़ ले l  

किला फतह करने जैसे बड़े-बड़े काम जैसे झाडू - बुहारू , घर की साफ- सफाई ,खाना बनना इतने बड़े -बड़े कामों को करके वो तुरंत ही थक जातीं हैं l

 पति तो आॅफिस , या काम पर जाकर फूल के बिस्तर पर सोता है l ये जितनी भी बड़ी - बड़ी इमारतें आप देख रहें हैं l लाल किला , ताजमहल , चीन की लंबी दीवार , एफिल टावर , स्टेच्यू आॅफ लिबर्टी , सारी " अराजक पत्नियों " ने ही तो बनाईं हैं l कभी - कभी तो मुझे इतिहास विदों और पुरातत्ववेताओं और , उनके शोध पर ही संदेह होने लगता है l

कि कहीं उन्होनें गलती से इन अराजक पत्नियों का नाम छोड़ तो नहीं दिया है l तभी तो इनका नाम ( अराजक पत्नियों का ) ऐतिहास ग्रँथों में नहीं आ पाया है l  

खाली समय में ये किटी पार्टी करने वाली " अराजक पत्नियाँ " अपने घर-परिवार , सास - ससुर , जेठ- ननद , नंददोई , की बुराईयाँ ही करती पाई जातीं हैं l या फिर मिसेज वर्मा का मिस्टर शर्मा के साथ चक्कर चल रहा है इस तरह के वाहियात किस्म के चर्चों में भाग लेतीं हैं l

 परनिंदा में इन्हें जो सुख और सांत्वना मिलती है l उसकी तुलना आप वेद -पुराणों के श्रवण सुख से कर सकते हैं !  

 दर असल वर्ष में एक बार हमारी सरकार को एक पुरस्कार " वर्ष की सर्वक्षेष्ठ आराजक पत्नी का पुरस्कार " इस नाम से एक पुरस्कार की घोषण कर देनी चाहिये l 

और इन अराजक पत्नियों को बाकायदा एक समारोह में बुलाकर सम्मानित भी किया जाना चाहिये l 

इस तरह के पुरस्कारों की घोषणा , जल्द से जल्द किये जाने की जरूरत है l जिससे अलगाव की भावना को बल मिल सके l और , जो थोड़े - बहुत संयुक्त परिवार बचें हैं l वो जल्द से जल्द समाप्त हो जायें l ताकि , अराजक पत्नियों को चिरकाल तक शाँति मिल सके !

About author 

Mahesh kumar Keshari

परिचय - 
नाम - महेश कुमार केशरी
जन्म -6 -11 -1982 ( बलिया, उ. प्र.) 
शिक्षा - 1-विकास में श्रमिक में प्रमाण पत्र (सी. एल. डी. , इग्नू से) 
2- इतिहास में स्नातक ( इग्नू से) 
3- दर्शन शास्त्र में स्नातक ( विनोबा भावे वि. वि. से) 

अंतर्राष्ट्रीय प्रकाशन - सेतु आनलाईन पत्रिका (पिटसबर्ग अमेरिका से प्रकाशित) .

राष्ट्रीय पत्र-पत्रिकाओं में प्रकाशन- वागर्थ , पाखी , कथाक्रम, कथाबिंब , विभोम - स्वर , परिंदे , गाँव के लोग , हिमप्रस्थ , किस्सा , पुरवाई, अभिदेशक, , हस्ताक्षर , मुक्तांचल , शब्दिता , संकल्य , मुद्राराक्षस उवाच , पुष्पगंधा , 
अंतिम जन , प्राची , हरिगंधा, नेपथ्य, एक नई सुबह, एक और अंतरीप , दुनिया इन दिनों , रचना उत्सव, स्पर्श , सोच - विचार, व्यंग्य - यात्रा, समय-सुरभि- अनंत, ककसार, अभिनव प्रयास, सुखनवर , समकालीन स्पंदन, साहित्य समीर दस्तक, , विश्वगाथा, स्पंदन, अनिश, साहित्य सुषमा, प्रणाम- पर्यटन , हॉटलाइन, चाणक्य वार्ता, दलित दस्तक , सुगंध, 
नवनिकष, कविकुंभ, वीणा, यथावत , हिंदुस्तानी जबान, आलोकपर्व , साहित्य सरस्वती, युद्धरत आम आदमी , सरस्वती सुमन, संगिनी,समकालीन त्रिवेणी, मधुराक्षर, प्रेरणा अंशु , तेजस, दि - अंडरलाईन,शुभ तारिक , मुस्कान एक एहसास, सुबह की धूप, आत्मदृष्टि , हाशिये की आवाज, परिवर्तन , युवा सृजन, अक्षर वार्ता , सहचर , युवा -दृष्टि , संपर्क भाषा भारती , दृष्टिपात, नव साहित्य त्रिवेणी , नवकिरण , अरण्य वाणी, अमर उजाला, पंजाब केसरी , प्रभात खबर , राँची एक्स्प्रेस , दैनिक सवेरा , लोकमत समाचार , दैनिक जनवाणी , सच बेधड़क , डेली न्यूज़ एक्टिविस्ट , नेशनल एक्स्प्रेस, इंदौर समाचार , युग जागरण, शार्प- रिपोर्टर, प्रखर गूंज साहित्यनामा, कमेरी दुनिया, आश्वसत के अलावे अन्य पत्रिकाओं में रचनाएँ प्रकाशित . 

 चयन - (1 )प्रतिलिपि कथा - प्रतियोगिता 2020 में टाॅप 10 में कहानी " गिरफ्त " का चयन  

(2 ) पच्छिम दिशा का लंबा इंतजार ( कविता संकलन )
जब जँगल नहीं बचेंगे ( कविता संकलन ), मुआवजा ( कहानी संकलन ) 

(3)संपादन - प्रभुदयाल बंजारे के कविता संकलन " उनका जुर्म " का संपादन..

(4)-( www.boltizindgi.com) वेबसाइट पर कविताओं का प्रकाशन

(5) शब्द संयोजन पत्रिका में कविता " पिता के हाथ की रेखाएँ "
 का हिंदी से नेपाली भाषा में अनुवाद सुमी लोहानी जी द्वारा और " शब्द संयोजन " पत्रिका में प्रकाशन आसार-2021 अंक में.

(6) चयन - साझा काव्य संकलन " इक्कीस अलबेले कवियों की कविताएँ " में इक्कीस कविताएँ चयनित

(7) श्री सुधीर शर्मा जी द्वारा संपादित " हम बीस " लघुकथाओं के साझा लघुकथा संकलन में तीन लघुकथाएँ प्रकाशित 

(8) सृजनलोक प्रकाशन के द्वारा प्रकाशित और संतोष श्रेयंस द्वारा संपादित साझा कविता संकलन " मेरे पिता" में कविता प्रकाशित 

(9) डेली मिलाप समाचार पत्र ( हैदराबाद से प्रकाशित) दीपावली प्रतियोगिता -2021 में " आओ मिलकर दीप जलायें " कविता पुरस्कृत

(10) शहर परिक्रमा - पत्रिका फरवरी 2022- लघुकथा प्रतियोगिता में लघुकथा - " रावण" को प्रथम पुरस्कार

(11) कथारंग - वार्षिकी -2022-23 में कहानी " अंतिम बार " 
प्रकाशित

(12)व्यंग्य वार्षिकी -2022 में व्यंग्य प्रकाशित 

(13) कुछ लघुकथाओं और व्यंग्य का पंजाबी , उड़िया भाषा में अनुवाद और प्रकाशन 

(14)17-07-2022 - वर्ल्ड पंजाबी टाइम्स चैनल द्वारा लिया गया साक्षात्कार 

(15) पुरस्कार - सम्मान - नव साहित्य त्रिवेणी के द्वारा - अंर्तराष्ट्रीय हिंदी दिवस सम्मान -2021

संप्रति - स्वतंत्र लेखन एवं व्यवसाय
संपर्क- श्री बालाजी स्पोर्ट्स सेंटर, मेघदूत मार्केट फुसरो, बोकारो झारखंड -829144

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