आई पिया की याद..!!
September 01, 2022 ・0 comments ・Topic: poem vijay_lakshmi_pandey
आई पिया की याद..!!
मन मयूर तन तरुण हुआबरखा नें छेड़े राग।
गरज गरज घन बरस रहे
आई पिया की याद।।
छानी मेरी भई पुरानीं
लौट के आ परदेशी,
बिन तेरे अब कौन कराए
आषाढ़ मास की खेती।।
सब सखियन घर कन्त रसीले
रस रस सावन गाई।
अमराई में झूले पड़ गए
अब घर आ हरजाई।।
बारिश के बूँदों की झालर
मन में बिरह बढ़ा दी।
कोकिल मोर पपीहा बोले
सोइ प्रीत जगा दी।।
मास आषाढ़ मेघ सम बरसे
दोनों नैंन हमारे।
आस "विजय" की टूट न जाए
आना प्रियतम प्यारे।।
बाग की मेंहदी हरियाई है
पुरुवा पलक बिछा दी
सावन के संग मैंने भी तो
धानीं चुनर रँगा ली।।
Post a Comment
boltizindagi@gmail.com
If you can't commemt, try using Chrome instead.