दीपावली पर लेख /deepawali special article in hindi

दीपावली पर लेख /deepawali special article in hindi

दीपावली  पर लेख /deepawali special article in hindi
दीपोत्सव हजारों सालों से मनाया जाता हैं।कार्तिक माह में बारिशों के खत्म होते ही फसलें जाती होती हैं जिसे त्यौहार के रूप में मनाया जाता हैं।दीपावली का उल्लेख पुराणों में भी मिलता हैं जिसने दिए को सूर्य के हिस्सा का प्रतिनिधित्व करने वाले प्रतीक के रूप माना जाता हैं।सूर्य का प्रकाश जीवनदाता हैं ऊर्जा प्रदान करता हैं जिसे प्रतीकात्मक रूप से दियों से प्रदर्शित किया जाता हैं।
 वैसे तो दशहरा के दिन रावण का वध करके श्री रामचंद्र भगवान सीताजी ,लक्ष्मण जी और सेना के साथ अयोध्या पधारे थे तो उनके स्वागत में पूरे राज्य में दिए जला कर उनका स्वागत किया गया था।दीपावली हिंदुओं में,नेपाल और भारत में खूब धाम धूम से मनाई जाती हैं जिसने भात भात के पकवान बनाना ,घर की सफाई कर घर को विविध तरीकों से सुसज्ज करना,रंगोली नाम बनाना आदि सामान्य बात हैं।बाकी सब राज्यों में कुछ अपने अपने रिवाजों से मनाई जाती हैं।भगवान जी को छप्पन भोग लगाए जातें हैं और भक्त बड़ी श्रद्धा से उनकी पूजा आरती करतें हैं।बच्चों के लिए ये मौज करने जा त्यौहार हैं,खूब मिठाई खाते हैं और पटाखे चला आनंद पाते हैं।वैसे भी ये धार्मिक त्यौहार हैं लेकिन उसका सामाजिक महत्व भी कम नहीं हैं।लोग एक दूसरें के घर दिवाली की शुभ कामनाएं देने जातें हैं,साथ में मिठाई,फल,मेवे आदि तोहफें में ले कर जाते हैं।दिवाली में दूसरे तोहफों का भी आदान प्रदान भी होता हैं।इन मौकों पर जमकर खरीदारियां होती हैं, बच्चों के लिए अपनों के लिए घर का सजोसमान सब इस दिन की महत्ता को बढ़ाते हैं।
 आज के दिन धन की देवी श्री लक्ष्मी जी की पूजा कर अनुष्ठान भी करते हैं।लक्ष्मी जी के साथ विघ्नहर्ता गणपति की और विद्या की देवी मां सरस्वती की भी पूजा होती हैं।माना जाता हैं कि दीपावली की रात को ही भगवान विष्णु का पति के रूप में वरण किया था।इसी दिन पूरे वर्ष के लिए शारीरिक और मानसिक सुख शांति की भी कामना की जाती हैं।उड़ीसा और पश्चिम बंगाल में काली मां की पूजा होती हैं।गोवर्धन पूजा में अन्नकूट का आयोजन कर किशन भगवान को रिझाते हैं।आज के दिन श्री कृष्ण भगवान ने नरकासुर का वध किया था।आज के दिन सोना आदि मूल्यवान चीजों की खरीदी करना बहुत शुभ माना जाता हैं।वैसे तो आजकल भारतीय लोगों का विदेशों में बसना आम बात होने से विदेशों में भी दीपावली का पर्व मनाया जाता हैं ।आर्थिक पहलू देखे तो देश विदेश में दिवाली सेल लगा कर व्योपार वृद्धि करने लगे हैं लोग।
वैसे दीपावली पर्वों का समूह हैं।दशहरे के तुरंत बाद ही दीपावली के त्यौहार की तैयारिया शुरू हो जाती हैं।सफाइयां,खरीदी आदि खत्म होते हर रमा एकादशी आ जाती हैं,फिर बाघ बारस (गुजरात में) मनाते हैं।फिर धनतेरस,नर्क चतुर्दशी और दीपावली का पर्व आता हैं।गुजरात में अमावस्या के बाद पड़वा आता हैं उस दिन से ही नव वर्ष शुरू हो जाता हैं। फिर उसके बाद भैया दूज का त्यौहार आता हैं जिसे टीका भी कहते हैं, जहां बहन अपने भाई को तिलक लगा कर उसकी लंबी उम्र और प्रगति की प्रार्थना करती हैं
ऐसे ही त्यौहारों के समूह को दीपावली की छुट्टियों में मनाया जाता हैं।
भौतिक शरीर से परे वहां कुछ जो अनंत हैं शुद्ध हैं,शाश्वत हैं जिसे हम आत्मा कहते हैं उसे दुन्यवि अंधकार से मुक्त आंतरिक उजाले की और ले जाने का पर्व भी कहा जाता हैं।
सभी पाठकों को भी हम सब की और से शुभ दीपावली।

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Jayshree birimi
जयश्री बिरमी
अहमदाबाद (गुजरात)
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