कहानी-अधूरी जिंदगानी (भाग-5)|story Adhuri-kahani

कहानी-अधूरी जिंदगानी (भाग-5)

आज रीना के घर के पास से गुज़र रही थी , जरूरी काम से जो जाना था , समय नहीं था अपनी प्रिय सखी संग बैठकर बातें करने का आज मेरे पास । पर आज जब उसके घर कि पास वाली गली से निकल रही थी तो उसके छोटे बेटे ने मुझे देख लिया । रीना के बेटे ने मेरे पैर छुए , मैंने उसे आशिर्वाद दिया और पूछा कैसे हो बेटा , कहां से आ रहे तुम , कहां गये थे अकेले , मम्मी कहां है ? एक साथ आश्चर्य से सभी सवाल रीना के बेटे को अकेला देख उससे चिंतावश पूछ बैठी , तब रीना का बेटा बोला मम्मी को बहुत बुखार , डाक्टर घर पर बुलाया है आंटी । डाक्टर ने ये इंजेक्शन लिख के दी थी और दवा भी । उनके लिए दवा लेने गया था , डाक्टर अभी इंजेक्शन लगाएंगे मम्मी को । अरे ! चलो मैं भी चलती घर । अपना समय निकाल अपनी सखी के लिए मैं रीना के बेटे के साथ उसके घर पर चली गई क्योंकि मुझे रीना की बहुत चिंता हो रही थी किस हालत में होगी बेचारी और उस मासूम बच्चे पर क्या बीत रही होगी जो अकेले अपनी मां के लिए दवा लेने के लिए दौड़ रहा था । घर के दरवाजे पर पहुंचकर रीना की हालत देखकर मेरी आंखें भर आई डॉक्टर मुझे देख रहे थे मैंने डॉक्टर से पूछा कि क्या हुआ है रीना को डॉक्टर ने कहा कि इनका बीपी बहुत लो हो गया है और इस कारण इनको बुखार आ गया है इन्हें डिप्रेशन में जाने की बीमारी लग रही है इन्हें डिप्रेशन से निकालना बहुत जरूरी है । डॉक्टर ने रीना के बेटे से इंजेक्शन लेकर रीना को इंजेक्शन लगाया जिससे रीना को आराम लगे और वह सो जाए । डॉक्टर ने मुझे समझाया कि किस तरह रीना को दवा देनी है मैंने डॉक्टर का धन्यवाद करते हुए डॉक्टर को दरवाजे तक छोड़ा और उनकी फीस भी दी । उसके बाद मैंने अपने पति को फोन करके बताया कि मैं अपनी सखी रीना के घर पर हूं जिसकी तबीयत बहुत खराब है पति ने कहा कि ठीक है तुम अपनी सहेली का ध्यान रखो वह जरूरी काम मैं खुद निपटाता हुआ आ जाऊंगा तुम चिंता मत करो । मैंने रीना के घर का पूरा काम निपटाया खाना बनाया रीना के लिए खिचड़ी भी बना दी ताकि रीना जब उठे तो थोड़ी खिचड़ी खा सके । रीना के छोटे बेटे ने पेट भर के खाना खाया , अपने स्कूल से मिला गृहकार्य समाप्त किया । जब रीना की आंख खुली तो तब तक उसका बड़ा बेटा भी आ चुका था मैंने रीना के बड़े बेटे को भी खाना खिलाया और रीना को उठने पर उससे तबीयत पूछी अब कैसा लग रहा है उसके बाद उसने रीना को भी खिंचड़ी खिलाई और दवाई दी रीना से कहा कि मैं कल फिर आऊंगी तुम्हें देखने के लिए अभी बहुत समय हो रहा है मैं घर जाती हूं अपने , रीना ने अपनी सखी का धन्यवाद किया रीना की सखी ने रीना के बेटे को रीना का ध्यान रखने के लिए कहा और सुबह की दवाई समय पर देने को कहा और बोला कि मैं दोपहर में अपने घर का काम निपटा कर तुम्हारी मम्मी के पास आ जाऊंगी तुम चिंता मत करो बेटा । रात अच्छी तरह कट जाती है रीना को बुखार नहीं आता है पूरी रात में। दूसरे दिन बड़ा बेटा अपने काम पर चला जाता है और छोटा बेटा घर पर ही रह जाता है अपनी मां का ध्यान रखने के लिए । रीना की सखी फटाफट अपने घर का काम निपटा कर रीना के घर पहुंच जाती है उस समय सुबह के अभी 11:00 ही बज रहे थे वह फटाफट नाश्ता बनाती है बच्चे को खिलाती है , रीना को दूध और तोश देती है खाने को , रीना की सखी रीना से पूछती है कि बड़ा बेटा क्या टिफिन लेकर गया उसने कुछ खाया कि नहीं खाया ? उसकी आंखें भर आई , रीना बोली कि बेचारा वह तो भूख पर ही चला गया मैं जो बिस्तर पर थी कौन बना कर देता उसे कुछ खाना वह भी बोल कर गया मां तू चिंता मत कर मैं बाहर ही कुछ खा लूंगा । मैं रीना से बोल उठी थी अरे क्यों चिंता करती है लड़का है कहीं पर भी कुछ भी खा लेगा तू अपना बस ख्याल रख अब मैं आ गई हूं ना मैं कुछ ना कुछ उसके लिए अच्छा बना दूंगी रात के लिए भी । रीना के घर का पूरा काम निपटाने के बाद मैं रीना से बहुत सारी बातें करने लगी और उसे समझाने लगी कि क्यों तू इतनी चिंता करती हो जो चीज अब नहीं सुधर सकती है तो उस चीज को सुधारने के पीछे क्यों लगी हो । हमें बातें करते-करते शाम हो गई थी इतने में रीना का बड़ा बेटा भी आ गया मैं रीना के बड़े बेटे से बात करने लगी रीना के बेटे ने कहा कि आंटी आप ही मेरी मम्मी को समझाइए मेरे पापा अब नहीं सुधरेंगे क्यों उनके पीछे भाग रही है वह किसी और के हो चुके हैं अगर हम उन्हें एक तरीके से पकड़ते हैं तो वह मोबाइल पर दूसरों तरीका अपनाकर उस घटिया बाजारू औरत गौरी के साथ दिन रात लगे हुए हैं । देखो आंटी अब उन्होंने कौन सा तरीका अपनाया है रात को लूडो गेम पर वॉइस चैटिंग भी होती है अब वह पकड़े ना जाए इस कारण से उन्होंने लूडो गेम का सहारा ले लिया है रात को सिगरेट पीने के बहाने बाथरूम में जाते हैं और लूडो गेम पर वॉइस चैटिंग करते हुए अपनी अय्याशी को अंजाम दे रहे हैं वहां गौरी अपने पति को धोखा दे रही है तो यहां मेरा बाप मेरी मां को धोखा दे रहा है मेरी मां सब देख रही है और इसी दर्द में तड़प रही है कि आखिर मेरे प्यार में कमी क्या है मैं इतना प्यार करती हूं अपने पति से फिर भी वह क्यों किसी औरत के पीछे भाग रहे हैं वह भी ऐसी औरत जो बहुत सारे मर्दों के साथ अपने संबंध बना चुकी है गौरी जैसी बाजारू औरत जब अपने पति की ना हुई , दूसरों की ना हुई , तो वह मेरे बाप की क्या होगी यही बात मेरी मां को समझा-समझा कर थक गया हूं पर यह है कि समझने को तैयार ही नहीं है देखो अपनी ही तबीयत कैसे खराब कर रही है और इनकी तबीयत के कारण हम दिन भर चिंता में रहते हैं हमारा मन काम पर भी नहीं लगता है घर की परेशानी अलग हो जाती है मेरा भी फ्यूचर है आंटी मैं क्या करूं ? अगर अपनी मां को दुखी देखता हूं तो मैं नर्वस हो जाता हूं दिन भर मेरा कितना खराब जाता है । मेरी मां यह नहीं समझ रही है कि मुझे भी दर्द होता है अपनी मां का दर्द देख-देख कर मेरा बाप तो उस गोरी के साथ में कितना आगे तक जा चुका है कि अब उसका लौट आना संभव नहीं है फिर भी उसी के पीछे भाग रही है जिसको इसकी जरा सी भी कदर नहीं है । अगर मेरी मां को कुछ हो भी गया ना । तो मेरा बाप खुशियां ही मनाएगा । एक आंसू नहीं बहाएगा मेरी मां के लिए । अकेले तो हम पड़ जाएंगे आंटी अगर हमारी मां को कुछ हो गया तो हम तो अनाथ हो जाएंगे क्योंकि हमारा ध्यान सिर्फ हमारी मां रखती है हमारे पिता को तो उस औरत से फुर्सत ही नहीं है दिन भर उसी के साथ लगा रहता है रात को भी बाथरूम में उसके साथ वॉइस चैटिंग कर रहा है तो हमारे लिए उसका होना ना होना तो बराबर है आप ही आंटी समझाओ मेरी मां को क्यों वह नहीं समझ पा रही है क्यों वह हमें अनाथ करने पर लगी हुई है मैं तो जैसे-तैसे अपने आप को संभाल लूंगा पर मेरे छोटे भाई का क्या होगा उसे तो अपनी मां का प्यार चाहिए ना आप ही समझाओ ना आंटी। इतनी गहरी बातें सुनकर रीना के बेटे के मुंह से , आंखें मेरी भर आई , रीना का बेटा भी रो दिया उसे पानी पिलाया , फिर मैंने रीना को कहा कि रीना क्या गलत कह रहा है तेरा बेटा बिल्कुल सही कह रहा है । रीना फूट-फूट कर रोने लगी । क्यों तू अपने बच्चों को देख-देख कर खुश नहीं होती । तू अपने बच्चों के दम पर जी तेरे पास तेरे दो-दो बेटे तेरे हथियार है तो उनके लिए तू जी रीना । उस इंसान के लिए क्या आंसू बहाना जो तेरा ना हो सका और याद रखना वह औरत भी इसको 1 दिन लात मारेगी तेरे बच्चों की तेरे बड़े बेटे की आंखों में जो आज आंसू देखे हैं उस आंसुओं की आह उस बाजारू औरत गौरी को आज नहीं तो कल आग में डाल देगी भस्म कर देगी बर्बाद कर देगी रीना तेरे पति को भी तेरे बच्चों के आंखों से निकले आंसूओं की आह जलाकर खाक कर देगी । होगा रीना एक दिन हिम्मत रख , होगा एक दिन यह । मन मेरा बहुत भर आया था अपनी प्रिय सखी और उसके बड़े बेटे को इतना ज्यादा डिप्रेशन में देखकर और सच मेरे मन से भी गौरी और रीना के पति के लिए सिर्फ बद्दुआ थी । तभी रीना का छोटा बेटा खेल कर आता है बाहर से और रीना को गले से लगा लेता है अपनी मां को रोता हुआ देखकर वह भी जोर से रोने लगता है और कहता है मां रो मत तुम जल्दी ठीक हो जाओगी । मैं हूं ना मम्मी तुम्हारे साथ ही हूं मम्मी रो मत मम्मी माता रानी है ना मम्मी जल्द से जल्द ठीक कर देगी वो मासूम तो यह भी नहीं जानता था कि उसकी मां को आखिर क्या दर्द अंदर ही अंदर खाये जा रहा था जिससे वह अंदर ही अंदर घुट रही थी बस घुटे जा रही थी मेरी सखी । घुटे जा रही थी अंदर-अंदर खुद को खत्म कर रही थी उसकी दर्दे-ए अधूरी जिंदगानी । यह रीना की कहानी यह है रीना की कहानी अधूरी जिंदगानी ।।


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Veena advani
वीना आडवाणी तन्वी
नागपुर , महाराष्ट्र

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