जी-20 - दुनिया पर राज़ - भारत को ताज़
जी-20 - दुनिया पर राज़ - भारत को ताज़
भारत के लिए दुनिया को नेतृत्व प्रदान करने का ऐतिहासिक अवसरभारत को आर्थिक सामर्थ्य वाले देशों के समूह पर नेतृत्व क्षमता प्रदर्शित करने के लिए प्राप्त सुनहरे अवसर को ऐतिहासिक बनाना होगा - एडवोकेट किशन भावनानीगोंदिया - वैश्विक स्तरपर सारी दुनिया की नजरें 1 दिसंबर से 30 नवंबर 2023 तक जी-20 की अध्यक्षता के दौरान जो विभिन्न चुनौतियों के बीच कार्यभार मिल रहा है उसका सफल प्रबंधन, नेतृत्व, अपनी कुशल कूटनीतिक, विदेश नीति सहित पूर्ण विकसित देशों के साथ अपने अपने स्तर पर मजबूत संबंधों, पड़ोसी मुल्क, विसरवादी मुल्क से प्राप्त चुनौतियां जैसे अनेक मुद्दों पर तालमेल रखते हुए कुशल नेतृत्व का परिचय देना होगा। हमें एक वर्ष में ऐसे निर्णय लेकर क्रियान्वयन करना होगा कि यह पल ऐतिहासिक हो जाए। मेरा मानना है कि इन 12 महीनों को एक ऐतिहासिक जीवंत मूल्य प्रधान कर सशक्त निर्णय और रणनीतियां बनाना होगा कि दुनिया इस अवधि को याद करें और आने वाले समय में वह एक उदाहरण बन सके कि भारत की अध्यक्षता में जी-20 सम्मेलन में यादगार निर्णायक कार्यकाल का इतिहास रचा गया था वैसे भी भारत में टैलेंट टेक्नोलॉजी इनोवेशन इंडस्ट्री के बल पर दुनिया में अपनी विशेष पहचान बनाई है बता दें कि जी-20 दुनिया के बड़े 20 देशों का संगठन है दुनिया के ग्रॉस डॉमेस्टिक प्रोडक्ट (जीडीपी) में इन देशों की 80 फ़ीसदी से अधिक हिस्सेदारी है। वैश्विक व्यापार में 75 फ़ीसदी और वैश्विक आबादी में इनकी 60 फ़ीसदी हिस्सेदारी है और भारत ऐसे समय में इनका नेतृत्व करने जा रहा है जब रूस यूक्रेन की लड़ाई से लेकर दुनिया बटी हुई है, परमाणु युद्ध का आभास लग रहा है, इनफेक्शन दुनिया के लिए सिरदर्द और वैश्विक मंदी की आशंका बनी हुई है ऐसी स्थिति में भी दुनिया पर राज भारत का ताज आज हम इस आर्टिकल के माध्यम से इस पर चर्चा करेंगे।
साथियों बात अगर हम बाली में शिखर सम्मेलन की करें तो वहां माननीय पीएम का व्यस्त कार्यक्रम है और उनकी 45 घंटे के कार्यक्रम यात्रा के लिए लगभग 20 कार्यक्रमों की योजना का क्रियान्वयन हो रहा है है। कई द्विपक्षीय बैठकों और एक सामुदायिक कार्यक्रम में भी शामिल हो रहे हैं। प्रथम सत्र शुरू हो गया है वहां भारत का बहुत बदलाव महसूस हुआ। अपने प्रथम सत्र के संबोधन में माननीय पीएम ने, विश्व में खाद्य एवं ऊर्जा संकट से निपटने में संयुक्त राष्ट्र की निष्फलता को रेखांकित करते हुए जी-20 देशों का आजआह्वान किया कि वे उर्वरक की आपूर्ति बढ़ाने तथा स्वच्छ ऊर्जा की तकनीक एवं किफायती वित्तपोषण सुलभ कराने के लिए प्रभावी कदम उठाएं। उन्होंने इंडोनेशिया के बाली द्वीप पर विश्व में आर्थिक रूप से शक्तिशाली 20 देशों के शिखर सम्मेलन के प्रथम सत्र में खाद्य एवं ऊर्जा सुरक्षा विषय पर अपने संबोधन में ये आह्वान किया। उन्होंने विश्व स्तरपर वर्तमान में फर्टिलाइजर (खाद) की आपूर्ति के बिगड़ने का उल्लेख करते हुए कहा कि इससे पूरी दुनिया में खाद्य सुरक्षा के लिए गंभीर खतरा पैदा होने वाला है। विश्व ने इसका समाधान नहीं तलाशा तो फर्टिलाइजर की आज की कमी कल के अनाज संकट का कारण बन जाएगी। खाद और खाद्यान्न की निर्बाध आपूर्ति बनाए रखने के लिए सभी देशों के प्रमुखों को परस्पर समझौते कर आगे बढ़ने की सलाह दी। उन्होंने कहा कि भारत अपनी खाद्य सुरक्षा के मद्देनजर प्राकृतिक खेती को बढ़ावा दे रहा है। मोटे अनाज (मिलेट्स) जैसे पौष्टिक व पारंपरिक खाद्यान्न को फिर से लोकप्रिय बना रहे हैं। इससे जहां लोगों को पेट भरने में मददमिलेगी वहीं कुपोषण की चुनौतियों से भी निपटा जा सकेगा। उन्होंने कहा कि अगले वर्ष 2023 को अंतरराष्ट्रीय बाजरा वर्ष के रूप में मनाया जा रहा है। अगले साल 2023 में गेहूं की कम बोआई से उत्पादन में और भी गिरावट के आसार हैं। इससे दुनिया के गरीब देशों की खाद्य सुरक्षा खतरे में पड़ सकती है। यूक्रेन में गेहूं की कम पैदावार से वैश्विक स्टाक में सुधार की कोई संभावना नहीं है, जो अपनी तलहटी पर पहुंच गया है।
साथियों बात अगर हम भारत के टॉप वैश्विक नेताओं से बैठकों की करें तो, इंडोनेशिया के राष्ट्रपति के निमंत्रण पर तीन दिन की यात्रा पर कल रात वहां पहुंचे। आज सुबह जी-20 शिखर सम्मेलन में पहुंचने पर पीएम का आत्मीय स्वागत किया। वहीं आज पीएम और जो बाइडेन की मुलाकात हुई। दोनों बहुत खुश नजर आ रहे थे। अमेरिकी राष्टपति पीएम के कंधे पर हाथ रखा था और पीएम उनका हाथ थामे रहे। इसके बाद पीएम ने मैक्रों को बुलाकर उनसे हाथ मिलाया। पीएम ने आज बाली में जी-20 राजनेताओं के शिखर सम्मेलन के दौरान अमेरिका के राष्ट्रपति के साथ बैठक की। दोनों राजनेताओं ने महत्वपूर्ण और उभरती प्रौद्योगिकियों, उन्नत कंप्यूटिंग, कृत्रिम बुद्धिमत्ता जैसे भविष्य-उन्मुख क्षेत्रों में सहयोग समेत निरंतर प्रगाढ़ होती भारत-अमेरिका रणनीतिक साझेदारी की समीक्षा की। दोनों नेताओं ने क्वाड, आई2यू2 जैसे नए समूहों में भारत और अमेरिका के बीच घनिष्ठ सहयोग पर संतोष व्यक्त किया।
दोनों राजनेताओं ने सामयिक वैश्विक और क्षेत्रीय घटनाक्रमों पर चर्चा की।पीएम नें भारतअमेरिका साझेदारी को मजबूत करने के सन्दर्भ में लगातार समर्थन देने के लिए राष्ट्रपति बाइडेन को धन्यवाद दिया। पीएम ने विश्वास व्यक्त किया कि दोनों देश भारत की जी-20 अध्यक्षता के दौरान घनिष्ठ समन्वय बनाए रखेंगे।ग्रुप ऑफ ट्वेंटी (G20) दुनिया की प्रमुख विकसित और विकासशील अर्थव्यवस्थाओं का एक अंतर सरकारी मंच है. इसमें 19 देश शामिल हैं, जिनमें अर्जेंटीना, ऑस्ट्रेलिया, ब्राजील, कनाडा, चीन, फ्रांस, जर्मनी, भारत, इंडोनेशिया, इटली, जापान, कोरिया गणराज्य, मैक्सिको, रूस, सऊदी अरब, दक्षिण अफ्रीका, तुर्की, यूके और यूएस और यूरोपीय संघ (ईयू) आदि प्रमुख रूप से शामिल हैं।
साथियों बात अगर हम माननीय पीएम के मूल भारतीयों से मुलाकात की करें तो मूल भारतीयों ने पीएम का जोरदार ढंग से स्वागत किया, पीएम ने भारतीय समुदाय के सदस्यों द्वारा अपनी अपनाई हुई मातृभूमि के प्रति कड़ी मेहनत और लगन के माध्यम से विदेशों में भारत के कद एवं प्रतिष्ठा को बढ़ाने के लिए उनकी सराहना की। उन्होंने भारत-इंडोनेशिया संबंधों की सकारात्मक प्रगति और इन संबंधों को मजबूत करने में भारतीय समुदाय के सदस्यों द्वारा निभाई गई महत्वपूर्ण भूमिका के बारे में भी बात की। उन्होंने भारतीय समुदाय और फ्रेंड्स ऑफ इंडिया के सदस्यों को अगले प्रवासी भारतीय दिवस सम्मेलन और पतंग उत्सव में भाग लेने के लिए आमंत्रित किया। प्रवासी भारतीय दिवस सम्मेलन 8 जनवरी से 10 जनवरी, 2023 के दौरान मध्य प्रदेश के इंदौर में आयोजित किया जाएगा और पतंग उत्सव बाद में गुजरात में आयोजित किया जाएगा।
अतः अगर हम उपरोक्त पूरे विवरण का अध्ययन कर उसका विश्लेषण करें तो हम पाएंगे कि दुनिया पर राज भारत को ताज़, भारत के लिए दुनियां को नेतृत्व प्रदान करने का ऐतिहासिक अवसर है। भारत को आर्थिक सामर्थ्य वाले देशों के समूह पर नेतृत्व क्षमता प्रदर्शित करने के लिए प्राप्त सुनहरें अवसर को ऐतिहासिक बनाना होगा।