आप और मधुकवि मधुर गीत
आप और मधुकवि मधुर गीत
सुकृत सुमन शुभ सुरभि सयानी||मोहनि छवि मुख पर मुस्कानी||
देखे कई पुष्प उपवन में||
तुम सा ना देखा जीवन में||
देख देख सौंदर्य सूर्य मुख,सुंदरता निज मन सकुचानी||
मोहनि छवि मुख पर मुस्कानी||
आँखो से उतरा हिरदय में||
खोया जीवन हाय प्रणय में||
तुम्हें देखकर दिव्य पथिक हे,नीरस रितु हो गई सुहानी||
मोहनि छवि मुख पर मुस्कानी||
विधि का तुम अद्वितीय सृजन हो||
सृष्टि मध्य तुम पावन तन हो||
धन्य हुआ वो पुरुष सृष्टि में,जिसे देख कर तुम हरषानी||
मोहनि छवि मुख पर मुस्कानी||
प्रेम भाव से मन भर आया||
दर्शन मधुर आप का पाया||
तुम करुणा तुम क्षमा श्रेष्ठ हो,सुरभि सुधा सुंदर गुण खानी||
मोहनि छवि मुख पर मुस्कानी|
सुकृत सुमन शुभ सुरभि सयानी||
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गांव-चाबरखास
तहसील--तिलहर
जनपद-शाहजहांपुर यू पी