बालकथा:समुद्र पार पोपाय ने ब्लुटो को हराया

 बालकथा:समुद्र पार पोपाय ने ब्लुटो को हराया

ब्लुटो पहले से ही पोपाय का दुश्मन था। वह पोपाय को हराने के लिए तरह-तरह के षड्यंत्र करता रहता था। एक बार हुआ यह कि ब्लुटो को खूब सारा धन और काफी मिलकत मिल गई। उसके हाथ कोई खजाना लग गया था। इसलिए वह उस खजाने को लेकर समुद्र पार आराम से रहने लगा। पर यहां भी उसे पोपाय की याद आती रहती। ब्लुटो ने मिले धन से समुद्र पार आलीशान महल बनवाया था। उसने ड्रैगन, शेर, बाघ, गरूड़ जैसे विशाल जानवर और पक्षी पाल रखे थे, जो उसकी रक्षा कर सकें। अब वह खुश था कि पोपाय वहां आएगा तो उसका बाल भी बांका नहीं कर सकेगा, क्योंकि उसके पास इतने शक्तिशाली जानवर और पक्षी हैं।
उसने खास कर पोपाय को अपना महल दिखाने के लिए बुलाया। दूसरी ओर पोपाय के साथ ओलिव को भी बुलाया था। उसने पोपाय से कहा था कि उसने अब तक जो गलतियां की हैं, उन्हें माफ कर दे और उसका महल देखने आए। इसके लिए वह उसका आभारी रहेगा। पोपाय ओलिव के साथ बोट लेकर ब्लुटो का महल देखने चल पड़ा। ब्लुटो उन्हीं के इंतजार में बैठा था। वह दूरबीन लेकर देख रहा था। थोड़ी देर बाद उसने दूरबीन से देखा कि पोपाय और ओलिव बोट से आ रहे हैं।
ब्लूटो ने अपने गरुड़ को दूर समुद्र में आने वाली बोट को दिखा कर कहा कि उसे उसमें बैठे ओलिव को उठा कर लाना है और पोपाय को बोट सहित समुद्र में डुबो देना है। इसके लिए उसे उसकी बोट में अपनी बड़ी सी चोंच से हमला करना है। ब्लुटो की आज्ञा मिलते ही गरुड़ उड़ा और क्षण भर में पोपाय की बोट के पास पहुंच गया। पोपाय ने इसके पहले इतना विशाल गरुड़ कभी नहीं देखा था। गरुड़ को देख कर वह खुश हो गया। उसे लगा कि ब्लुटो ने उसके स्वागत के लिए गरुड़ को भेजा है। पर हुआ इसका उल्टा। गरुड़ ने उसकी बोट में अपनी नुकीली चोंच मारी और ओलिव को लेकर चला गया। यह देख कर पोपाय स्तब्ध रह गया। ओलिव 'बचाओ... बचाओ...' चिल्लाती रही। पोपाय ने शक्तिशाली बनने के लिए अपना स्पीनच का डिब्बा भरा बैग निकालना चाहा तो बोट के पानी में डूबने की वजह से बैग पानी में डूब गया था।
अपना बैग लेने के लिए पोपाय समुद्र में कूद पड़ा। तैरते हुए आखिर उसने अपना बैग खोज ही लिया। उसमें से स्पीनच का एक डिब्बा निकाल कर पूरा स्पीनच खा गया। वह बोट की अपेक्षा दोगुनी स्पीड से तैर कर ब्लुटो के महल पहुंच गया। लेकिन ओलिव को लेने के लिए वह ब्लुटो के महल के अंदर आसानी से नहीं जा सकता था। क्योंकि रास्ते में ड्रैगन जैसे अनेक महाकाय प्राणी थे। पोपाय स्पीनच का एक-एक डिब्बा निकाल कर खाता गया और फाइट कर के महाकाय प्राणियों को हरा कर आगे बढ़ता गया। आखिर सभी को हराकर वह महल के अंदर पहुंच ही गया। उसे महल के अंदर देख कर ब्लुटो स्तब्ध रह गया। उसने सपने में भी नहीं सोचा था कि उसके पाले महाकाय प्राणियों को भी पोपाय हरा देगा।
पोपाय चिल्लाया, "दगाबाज ब्लुटो, तुम्हारी बात मान कर मैं तुम्हारा मेहमान बना और तू ने हमारे साथ इस तरह की गद्दारी की? आज मैं तुझे छोड़ूंगा नहीं। तेरे खूंखार जानवर मूझे नहीं हरा सके तो तू मुझे क्या हराएगा। दोस्त शायद तू भूल गया कि मेरे पास मेरा स्पीनच है। स्पीनच खा कर मैं दस तो क्या दस हजार जानवरों को आसानी से हरा सकता हूं। अब तुम अपनी जान की सलामती चाहते हो तो ओलिव को मूझे दे दो।"
पोपाय को बात सुन कर ब्लुटो डर गया और उसने तुरंत ओलिव को पोपाय के हवाले कर दिया।

About author 

वीरेन्द्र बहादुर सिंह जेड-436ए सेक्टर-12, नोएडा-201301 (उ0प्र0) मो-8368681336
वीरेन्द्र बहादुर सिंह
जेड-436ए सेक्टर-12,
नोएडा-201301 (उ0प्र0)
मो-8368681336
Next Post Previous Post
No Comment
Add Comment
comment url