मुझे बहुत ज़लनखोरी होती है

March 04, 2023 ・0 comments

 भावनानी के व्यंग्यात्मक भाव

मुझे बहुत ज़लनखोरी होती है

उसको बहुत सफ़लता मिलती है तो 
उसपर मां लक्ष्मी की कृपा होती है तो 
समाज में उसका मान सम्मान बढ़ता है तो 
मुझे बहुत  ज़लनखोरी होती है 

उसका आर्टिकल कविता बहुत पेपरों में छपते हैं तो 
व्हाट्सएप फेसबुक में उसकी तारीफ़ होती है तो 
उसकी पोस्ट को बहुत लाइक मिलती है तो 
मुझे बहुत ज़लनखोरी होती है 

मैं संस्थापक हूं मुझे कोई पूछता नहीं है तो 
पेपरों में मेरा नाम नहीं आता है तो 
मेरे स्वार्थी सेवाओं का मूल्यांकन नहीं होता है तो 
मुझे बहुत ज़लनखोरी होती है 

दोस्तों से उसकी पोस्ट बंद करवाने बोलता हूं तो 
एडमिन उसके समर्थन में आ जाता है तो 
उसकी वैल्यू और अधिक बढ़ गई है तो 
मुझे बहुत ज़लनखोरी होती है 

मेरा क्या होगा वह आगे बढ़ जाएगा तो 
मेरी चोमारी नहीं चलेंगी तो 
मेरा क्या होगा इसलिए तो 
मुझे बहुत ज़लनखोरी होती है 

About author

कर विशेषज्ञ स्तंभकार एडवोकेट किशन सनमुख़दास भावनानी गोंदिया महाराष्ट्र
कर विशेषज्ञ स्तंभकार एडवोकेट किशन सनमुख़दास भावनानी गोंदिया महाराष्ट्र 

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