सतकर्म ही पूजा है| satkarm-he-pooja
March 28, 2023 ・0 comments ・Topic: poem Veena_advani
सतकर्म ही पूजा है
सोचो समझो इससे बड़ाना कोई इस जग मे दूजा है
सच करो सतकर्म दुनिया में
यही तो इंसा सच्ची पूजा है।।
जिसने दुःखाया दूजों को
हर पल मेरे ऐ मालिक
उसे सज़ा दी मालिक ने
वो सजा पा सूजा है।।
चलो करके देखो सत्कर्म
तुम मानव मेरी मानो
मिले हर राह मे खुशी
तुम्हें कुछ लगे ना सूना है।।
भगवन खुश होते उसी से
जो करे सत्कर्म मानव ।
भगवान को पाना है तो सत्कर्म
सरल राह सिवा ना कोई दूजा है।।
सुनों नज़र अंदाज़ करती थी
वीना भी कभी सबको देखकर
भक्ति में डूब किया सतकर्म
मानव सेवा लगे जैसे पूजा है।।
About author
वीना आडवाणी तन्वीनागपुर, महाराष्ट्र
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