भारत फ्रांस व्यापार शिखर सम्मेलन 2023 - मैत्री के 25 वर्ष पूर्ण हुए
April 19, 2023 ・0 comments ・Topic: kishan bhavnani lekh
आओ वैश्विक व्यापारिक भागीदारों से संबंधों को मज़बूत करें
भारत फ्रांस व्यापार शिखर सम्मेलन 2023 - मैत्री के 25 वर्ष पूर्ण हुए
यूरोपीय क्षेत्र में भारत के प्रमुख भागीदारों से द्विपक्षीय संबंधों को मज़बूत करने से अर्थव्यवस्था का वैश्विक गुरु बनने की ओर मज़बूत कदम होगा - एडवोकेट किशन भावनानीगोंदिया - वैश्विक स्तरपर भारत जिस तरह की सक्रियता से दुनिया की हर बड़ी अर्थव्यवस्था को समझने, उसे अपना भागीदार बनाने, वहां की सकारात्मक नीतियों को देखकर समझकर उसमें आधुनिक परिवर्तन करके अपने देश मेंलागू करने की ओर तेजी से बढ़ रहा है, उसका उद्देश्य सिर्फ एक ही है कि भारत दुनिया की अर्थव्यवस्थाओंं में नंबर वन पर आकर अपनी सुहानी मंजिल पर पहुंचे, जिसके लिए पूरी शिद्दत के साथ हर क्षेत्र के मंत्रालय तेजी से प्रयास करने में लगे हुए हैं। उसी कड़ी में केंद्रीय वित्त मंत्री अमेरिका तो केंद्रीय वाणिज्य मंत्री फ्रांस के आधिकारिक दौरे पर हैं। चूंकि केंद्रीय वाणिज्य मंत्री 11-13 अप्रैल 2023 तक फ्रांस और इटली दौरे पर हैं, फ्रांस हमारे भारत का विश्वसनीय व्यापारिक भागीदार भी है और आपसी मैत्री के 25 वर्ष पूर्ण हुए हैं तथा भारत फ्रांस व्यापार शिखर सम्मेलन भी 11 अप्रैल 2023 को फ्रांस के पेरिस में हुआ, इसलिए आज हम इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के सहयोग से इस आर्टिकल के माध्यम से चर्चा करेंगे, आओ वैश्विक व्यापारिक भागीदारों से संबंधों को मजबूत करें ताकि विश्व की तीसरी अर्थव्यवस्था बनने हमारे कदम तेजी से बढ़ें।
साथियों बात अगर हम माननीय केंद्रीय वाणिज्य मंत्री द्वारा फ्रांस के पेरिस में आयोजित भारत फ्रांस व्यापार शिखर सम्मेलन की करें तो वे और फ्रांस सरकार के अट्रैक्टिवनेस और फ्रेंच नेशनल्स अब्रॉड के विदेश व्यापार मंत्री प्रतिनिधि भारत-फ्रांस व्यापार शिखर सम्मेलन कीसह-अध्यक्षता करेंगे। भारत फ्रांस मैत्री के 25 वर्ष पूरे होने के उपलक्ष में इस शिखर सम्मेलन में हरित भविष्य के निर्माण, उभरती प्रौद्योगिकियों, रक्षा सहयोग और भारत-प्रशांत क्षेत्रों में सहयोग सहित कई विषयों पर ध्यान केंद्रित किया गया। उन्होंने विभिन्न क्षेत्रों में फ्रांसीसी व्यापार जगत के दिग्गजों के साथ बैठक किए। सीईओ के गोलमेज सम्मेलन में भी भाग लिए। वह 11 से 13 अप्रैल, 2023 तक फ्रांस और इटली की आधिकारिक यात्रा पर है। भारत के शीर्ष सीईओ का प्रतिनिधिमंडल भी उनके साथ है। 400 से अधिक प्रतिभागियों ने इस बिजनेस समिट के लिए पंजीकरण कराया है और इसे लेकर जबरदस्त उत्साह दिखाया है। उन्होंने कहा कि फ्रांस गणराज्य के राष्ट्रपति महामहिम और भारतीय पीएम ने दोनों देशों के बीच उस रणनीतिक साझेदारी को सशक्त किया है, जो अब अपने 25 वर्ष पूरे कर चुकी है। उन्होंने कहा कि दोनों नेता व्यापार,प्रौद्योगिकी, पर्यटन और निवेश में विस्तारित जुड़ाव के साथ-साथ भारत-फ्रांस संबंधों को उच्च स्तर पर लेकर आए हैं। दोनों देशों के नेताओं और जनता के बीच मित्रता होना वैश्विक भलाई के लिए अधिक से अधिक उपलब्धि हासिल करने की क्षमता प्रदान करता है।उन्होंने कहा कि फ्रांस और भारत वास्तव में वैश्विक भलाई के लिए कार्यरत मित्र, सहयोगी तथा जीवंत लोकतांत्रिक देश रहे हैं,जो वैश्विक भलाई के लिए काम कर रहे हैं। भारत और फ्रांस दोनों ही स्थिर वैश्विक आर्थिक व्यवस्था के लिए चिंता साझा करते हैं। उन्होंने कहा कि दोनों देश क्षेत्रीय एवं वैश्विक स्तर पर आम सहमति बनाने तथा सहयोग करने में विश्वास रखते हैं। दोनों देशों के व्यवसायिक अग्रणियों तथा फ्रांस में भारतीय समुदाय ने व्यापारिक एवं आर्थिक साझेदारी को और आगे बढ़ाने के लिए अथक प्रयास किये हैं। इसके परिणामस्वरूप ही भारत व फ्रांस के बीच मित्रता तथा विश्वास के बंधन को और मजबूती प्राप्त हुई है। उन्होंने कहा कि अगले 25 वर्षों में भारत के सामर्थ्य को प्रदर्शित करने को पीएम द्वारा अमृत काल या भारत का स्वर्ण युग कहा गया है। उन्होंने कहा कि यह समय अवसरों का एक विशाल डेल्टा बनाता है जो भारत के वैश्विक आर्थिक इतिहास में अब तक कभी नहीं देखा गया है। इस संबंध में महत्वपूर्ण प्रबंधकीय एवं तकनीकी कौशल तथा प्रतिभाओं के विशाल पूल के साथ भारत के महत्वपूर्ण जनसांख्यिकीय लाभांश का उदाहरण भी दिया। उन्होंने इस बात की सराहना की कि भारत से विनिर्माण और सेवा क्षेत्र के विभिन्न वर्गों के उद्योगपतियों ने व्यवसायिक शिखर सम्मेलन में भाग लिया। उन्होंने कहा कि भारत के उद्योगपति एक ऐसी अर्थव्यवस्था में व्यापारिक गतिविधियों को पूरा करने और आगे बढ़ने के अपने अनुभव साझा करेंगे, जो तेजी से बढ़ रही है और घरेलू तथा अंतरराष्ट्रीय दोनों ही क्षेत्रों में विस्तार कर रही है। नवाचार और प्रौद्योगिकी भारत में विकास को एक नया विस्तृत मार्ग दिखा रहे हैं, जिसके मूल में स्थिरता व्याप्त है। उन्होंने कहा कि हरित अर्थव्यवस्था, प्रौद्योगिकी और निवेश के लिए बड़े पैमाने पर जोर देने वाले क्षेत्र के रूप में उभर रही है इसके अलावा सरकार भारत में लैंगिक बराबरी और लैंगिक समानता पर भी अपना ध्यान केंद्रित कर रही है। भारत और फ्रांस विकास यात्रा को आगे बढ़ाने के लिए कई गुना व्यापार तथा निवेश के साथ त्वरित गति से अपने संबंधों को बातचीत के माध्यम से बढ़ावा देना जारी रखेंगे। उन्होंनें पीएम के एक कथन को उद्धृत करते हुए कहा कि जब आप भारत की विकास यात्रा से जुड़ते हैं, तो भारत आपको विकास की गारंटी देता है।भारत, तेजी से अपने अंतरराष्ट्रीय संबंधों का विस्तार कर रहा है और पिछले 2 वर्षों में वस्तुओं एवं सेवाओं के निर्यात में बहुत शीघ्रता से बढ़ोतरी हुई है। उन्होंने कहा कि देश के निर्यात में वृद्धि अपने उच्च विकास पथ पर जारी रहने की आशा व्यक्त की गई है। देश में संचालन व क्रियान्वयन को सशक्त करने के लिए भारत के पास इंफ्रास्ट्रक्चर पाइपलाइन मौजूद है। उन्होंने कहा कि भारत दुनिया भर से रक्षा क्षेत्र में निवेश एवं प्रौद्योगिकी को आकर्षित कर रहा है क्योंकि स्वदेशी विनिर्माण क्षेत्र को बढ़ावा दिया जा रहा है।
साथियों बात अगर हम मंत्री महोदय द्वारा प्रवासी भारतीय समुदाय को संबोधित करने की करें तो उन्होंने कहा कि भारत 2027 तक तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन जाएगा।अभी हम पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था हैं। 2027-28 तक हम दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था होंगे। भारत आज 3.5 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था है और 2047 तक 30-35 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बन जाएगा, जब हम आजादी के 100 साल का जश्न मनाएंगे। भारत, फ्रांस के साथ साझेदारी को बहुत महत्व देता है। उन्होंने पेरिस में कहा, मुझे यकीन है, आप में से प्रत्येक यह मानता है कि यह साझेदारी अवसरों और दोस्ती दोनों के मामले में और विकास करेगी। हमारी साझेदारी को आगे बढ़ाने के लिए आप सभी एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे, उन्होंने कहा, पीएम दुनिया में सबसे लोकप्रिय और पसंदीदा नेता हैं और वह भारत और दुनिया की देखभाल करने की प्रतिबद्धता के लिए भी जाने जाते हैं। जैसा कि हम 'एक पृथ्वी, एक परिवार, एक भविष्य' में विश्वास करते हैं, दुनिया उनके नेतृत्व की ओर देख रही है। उन्होंने भारतीय प्रवासियों की भी सराहना करते हुए कहा, आज का भारत क्षमता, सामर्थ्य, योग्यता और आत्मविश्वास के साथ वह नया भारत है जिसका आप में से प्रत्येक प्रतिनिधित्व करता है। राष्ट्रदूत के रूप में आप अपनी कर्मभूमि और मातृभूमि में योगदान दे रहे हैं।
अतः अगर हम उपरोक्त पूरे विवरण का अध्ययन कर उसका विश्लेषण करें तो हम पाएंगे कि आओ वैश्विक व्यापारिक भागीदारों से संबंधों को मज़बूत करें।भारत फ्रांस व्यापार शिखर सम्मेलन 2023 - मैत्री के 25 वर्ष पूर्ण हुए यूरोपीय क्षेत्र में भारत के प्रमुख भागीदारों से द्विपक्षीय संबंधों को मज़बूत करने से अर्थव्यवस्था का वैश्विक गुरु बनने की ओर मज़बूत कदम होगा।
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कर विशेषज्ञ स्तंभकार एडवोकेट किशन सनमुख़दास भावनानी गोंदिया महाराष्ट्र
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