अंतरराष्ट्रीय नशा निरोधक दिवस
June 29, 2023 ・0 comments ・Topic: poem Veerendra Jain
अंतरराष्ट्रीय नशा निरोधक दिवस
शीर्षक : अमूल्य जीवन और नशा
जाने कितनों ने मांगी थी और महज़ कितनों ने पाई है,जीवन है अनमोल ये जिंदगी कुछ लोगों को मिल पाई है ।
कदर क्यों नहीं करते इसकी धुम्रपान क्यों करते हो,
इक बार गई तो फिर जाने कब किस जनम में ये मिल पाई है!!
धुएं के गुबार में जीवन पल पल मिटता जाता है,
एक एक कश के साथ तुम्हारा जीवन कम हो जाता है।
धुम्रपान नशे से हासिल कुछ ना, क्यों शरीर गलाते हो,
अपना और अपनों का जीवन भला क्यूं दांव पे ऐसे लगाते हो !
पैसा ही नहीं तन का भी नाश करता है दुष्ट नशा,
तन को असाध्य रोगों का घर बनाता है दुष्ट नशा।
परिवार बिखर जाता है इन रोगों से लड़ते लड़ते,
नरक यातना सहो न करके कुछ पलों का दुष्ट नशा !!
नशे में मानव अविवेकी हो अपनी सुध बुध खो देता है,
अपराध कुकृत्य जाने कितने विभत्स कार्य कर लेता है।
नशा दूत है यम का पल में जीवन लील लिया करता,
नशा जो करता जीवन भर का अफसोस ये देता है!!
जीवन खो जाए ऐसे फैशन का बोले क्या है मज़ा,
मन का भरम है "कूल" दिखोगे, क्यों करते हो ऐसी खता।
मानवता को गर्व हो तुम पर ऐसा कोई काम करे,
धुम्रपान नशे से कैंसर जैसे रोग की पाओगे सज़ा !!
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Veerendra Jain, Nagpur |
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