भारत-कनाडा तल्खी बड़ी - तीन दिन में तीन एक्शन - पश्चिमी देश सतर्क
भारत-कनाडा संबंधों में तपिश नए निचले स्तरपर पहुंची - एडवाइज़री जारी, वीजा पर रोकअंतरराष्ट्रीय राजनीति की बिसात पर भारत एक ग्लोबल साउथ का नेता बनकर उभरा है, भारत-कनाडा विवाद में पश्चिमी देश सतर्क - एडवोकेट किशन भावनानी गोंदियागोंदिया - अंतरराष्ट्रीय स्तरपर भारत एक ऐसा देश है जिसने विदेश नीति, कूटनीति, व्यापार नीति, अंतरराष्ट्रीय संबंधों सहित अनेक विकसित, नाटो,इयू देशों से प्रगाड़य व्यक्तिगत संबंध भी जिसके आधार पर,भारत को हर देश अपनें करीब रखना चाहता है। कनाडा के पीएम द्वारा संसद में दिए गए एक बयान से भारत-कनाडा में के संबंधों में तल्खी आ गई है और तीन दिन में तीन एक्शन, रिएक्शन हो चुके हैं। अब इन बिगड़ते रिश्तों का अंतरराष्ट्रीय प्रभाव न पड़े इसके लिए पश्चिम के मंत्री,नेता, अधिकारी बड़ी मेहनत कर रहे हैं कि बिगड़ने रिश्तों से उनकी अर्थव्यवस्था पर बुरा असर ना डाल दे और वैश्विक गतिविधियों में भारत को साथ लेकर चलने के उनके प्रयासों को प्रभावितन करें, इसलिए नाटो सदस्य होने के बावजूद कनाडा के सहयोगी देश उनका उनके साथ तो हैं, परंतु सतर्क बने हुए हैं,क्योंकि उनके लिए ग्लोबल साउथ का नेता के रूप में भारत एक महत्वपूर्ण देश देश ही नहीं बल्कि भारत को पश्चिमी देश चीन के खिलाफ एक महत्वपूर्ण सुरक्षा कवच के रूप में भी देखते हैंखासकर अमेरिका और पश्चिम की अन्य शक्तियां यह नहीं चाहती कि यह विवाद उन्हें भारत से दूर कर दे, चूंकि वर्तमान नए भारत की ताकत और रुतबे से दुनियां वाकिफ है इसलिए वह भारत-कनाडा विवाद को सतर्कता से निहार रहे हैं। इसलिए आज हम मीडिया में उपलब्ध जानकारी के सहयोग से इस आर्टिकल के माध्यम से चर्चा करेंगे, भारत कनाडा तल्खी बढ़ी, तीन दिन में तीन एक्शन रिएक्शन पश्चिमी देश सतर्क।
साथियों बात अगर हम भारत कनाडा विवाद की शुरुआत की करें तो, कनाडा के पीएम ने कनाडा की संसद, हाउस ऑफ कॉमंस में खालिस्तानी आतंकी हरदीप सिंह निज्जर हत्याकांड में भारत की संलिप्तता की बात कही थी। उन्होंने कहा था, कनाडा की सुरक्षा एजेंसियां भारतसरकार और कनाडा के नागरिक की हत्या के बीच की कड़ी के आरोपों की सक्रियता से जांच कर रही हैं। कनाडा की धरती पर कनाडा के नागरिक की हत्या में किसी विदेशी सरकार की संलिप्तता बर्दाश्त नहीं की जाएगी। यह हमारी संप्रभुता का उल्लंघन है। यह पूरी तरह से अस्वीकार्य है। इसके बाद कनाडा ने भारत के एक शीर्ष राजनयिक को निष्कासित करने की घोषणा की। कनाडा की विदेश मंत्री ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, हम भारत के एक प्रमुख राजनयिक को निष्कासित कर रहे हैं, लेकिन हम इस मामले की तह तक जाएंगे, अगर यह सब सच साबित हुआ तो यह हमारी संप्रभुता और एक-दूसरे का सम्मान करने के बुनियादी नियम का बड़ा उल्लंघन होगा। भारतीय विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा कि खालिस्तानी आतंकियों को कनाडा में सुरक्षित ठिकाना मुहैया कराया जा रहा है। हम चाहते हैं कि कनाडाई सरकार ऐसा न करे और उन लोगों के खिलाफ कार्रवाई करे जिन पर आतंकवाद के आरोप हैं या उन्हें न्याय का सामना करने के लिए भारत भेज दें। उन्होंने कहा, हमने पिछले कुछ वर्षों में लगभग 20-25 व्यक्तियों के प्रत्यर्पण की मांग की है, लेकिन प्रतिक्रिया बिल्कुल भी मददगार नहीं रही है।
साथियों बात अगर हम भारत के तीन दिन में तीन एक्शन और उसके रिएक्शन की करें तो,भारत और कनाडा के बीच इस मुद्दे को लेकर हर दिन तनाव बढ़ता जा रहा है। शुरुआत कनाडाई पीएम जस्टिन ट्रूडो के भारत पर संगीन आरोप लगाने वाले बयान से हुई। भारत ने ट्रूडो के बयान को सिरे से खारिज करते हुए कनाडा के सीनियर डेप्लोमेट को पांच दिन के अंदर देश छोड़ने का आदेश दिया।फिर कनाडा ने अपने नागरिकों को भारत के कुछ खास हिस्सों में न जाने के लिए एडवाइजरी जारी की। जिसके जवाब में भारत ने भी कनाडा के लिए ऐसी ही एडवाइजरी रिलीज कर दी। अब भारत ने कनाडा में मौजूद भारत के वीजाएप्लिकेशन सेंटर की सेवाओं को सस्पेंड कर दिया है।विदेश मंत्रालय ने भारतीय मामलों में कनाडाई राजनयिकों के हस्तक्षेप का हवाला देते हुए कनाडा से भारत में अपनी राजनयिक उपस्थिति कम करने के लिए कहा है। कनाडा सरकार ने बुधवार को अपने नागरिकों को देश के कुछ हिस्सों में जाने पर सावधानी बरतनेकी भारत कीएडवाइजरी को खारिज कर दिया है।सार्वजनिक सुरक्षा मंत्री ने कहा कि मुझे भारत की ट्रैवल एडवाइजरी के बारे में जानकारी मिली ह लेकिन, मैं कहना चाहता हूं कि कनाडा एक सुरक्षित देश है.दरअसल, भारत सरकार ने बुधवार को कनाडा में रहने वाले भारतीय नागरिकों खासकर छात्रों के लिए एक एडवाजरी जारी की थी. इसमें कहा गया कि कनाडा में बढ़ती भारतविरोधीगतिविधियों और राजनीतिक रूप से समर्थित घृणित अपराधों और हिंसा को देखते हुए वहां मौजूद या जाने का विचार कर रहे भारतीय नागरिकों के लिए अत्यधिक सावधानी बरतने का आग्रह किया जाता है। कनाडा के उन क्षेत्रों और संभावित स्थानों की यात्रा करने से बचें, जहां ऐसी घटनाएं हुई हैं। भारत का उच्चायोग या वाणिज्य दूतावास कनाडा में रह रहे भारतीय समुदाय की सुरक्षा और भलाई सुनिश्चित करने के लिए कनाडाई अधिकारियों के साथ संपर्क में रहेगा। भारत की इस एडवाइजरी के कुछ घंटे बाद ही कनाडा सरकार की तरफ से बयान आया। इससे पहले मंगलवार को कनाडाई सरकार ने अपने नागरिकों से उच्च स्तर की सावधानी बरतने का आग्रह किया था। नागरिकों से कहा गया था कि कुछ सुरक्षा और संरक्षा संबंधी चिंताएं हैं या स्थिति तेजी से बदल सकती हैं। हर समय बेहद सतर्क रहें। स्थानीय मीडिया पर नजर रखें। स्थानीय अधिकारियों के निर्देशों का पालन करें।सलाह में भारत में रहने वाले नागरिकों को सुझाव दिया गया कि अगर ऐसा करना सुरक्षित है तो देश छोड़ने के बारे में सोचें। विदेश मंत्रालय (एमईए) ने गुरुवार को कहा कि एक कनाडाई नागरिक भारतीय वीजा के लिए आवेदन नहीं कर पाएगा, भले ही वह किसी अन्य देश में रह रहा हो। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा कि अन्य देशों से आवेदन करने वाले कनाडाई लोगों को भी कोई वीजा नहीं दिया जाएगा। यह कनाडा में वीजा सेवाओं के निलंबन के अतिरिक्त है जिसकी घोषणा आज सुबह की गई थी।विदेश मंत्रालय ने कहा कि उच्चायोग और वाणिज्य दूतावासों में अधिकारियों द्वारा सामना किए जा रहे सुरक्षा खतरों ने उनके कामकाज को बाधित कर दिया है, जिसके परिणामस्वरूप वीजा सेवाएं रोक दी गई हैं। हमारे उच्चायोग और वाणिज्य दूतावास अस्थायी रूप से वीजा आवेदनों पर कार्रवाई करने में असमर्थ हैं। हम नियमित रूप से स्थिति की समीक्षा करेंगे
साथियों बात अगर हम वीजा पर रोक को गहराई से समझने की करें तो, भारत सरकार ने कनाडा के लिए वीजा देने पर रोक लगाने का निर्णय कनाडा में बढ़ती खालिस्तानी गतिविधियों के विरोध में लिया है। भारत ने कनाडा पर खालिस्तानी समर्थकों को संरक्षण देने का आरोप लगाया है. भारत सरकार ने स्पष्ट कहा है कि यह कदम केवल एक अस्थायी उपाय है। भारत और कनाडा के बीच संबंधों में सुधार होने पर भारत सरकार कनाडा के लिए वीजा देने पर रोक हटा सकती है। कनाडा के नागरिक और स्थायीनिवासी जो भारत आने की योजना बना रहे हैं, सरकार के इस कदम से कनाडा के उन नागरिकों और स्थायी निवासियों पर असर पड़ेगा जो भारत में छुट्टियां मनाने या व्यवसाय करने की योजना बना रहे हैं।कनाडा के लिए वीजा देने पर रोक लगाने से भारत से वहां पर पढ़ने गए बच्चे आसानी से देश लौट सकेंगे। भारत सरकार ने कहा है कि यह कदम केवल नए वीजा आवेदनों पर लागू होता है। जिन बच्चों के पास पहले से ही कनाडा में वीजा है, वे कनाडा में रह सकते हैं और पढ़ाई जारी रख सकते हैं।
साथियों बात अगर हम भारत कनाडा विवाद से अंतरराष्ट्रीय प्रभाव की करें तो, भारत न केवल एक बढ़ती हुई शक्ति है, बल्कि वह दुनियां में सबसे अधिक जनसंख्या वाले देशों में से है और दुनिया की पांचवीं नंबर की अर्थव्यवस्था है।भारत को पश्चिम के देश चीन के ख़िलाफ़ एक महत्वपूर्ण सुरक्षा कवच के रूप में देखते हैं। यह भारत में आयोजित जी-20 शिखर सम्मेलन में भी नज़र आया था। सम्मेलन के दौरान जारी संयुक्त बयान में यूक्रेन पर हमले की निंदा तो की गई थी, लेकिन रूस का नाम नहीं लिया गया था।इससे यूक्रेन के पश्चिमी सहयोगी देश भी सहमत थे। उन्होंने इस बयान पर विवाद की जगह भारत के साथ संबंधों को बचाने को प्राथमिकता दी।हालांकि इससे यूक्रेन में कुछ लोग नाराज़ हो गए थे।पश्चिम के देशों में दूसरा डर इस बात का है कि कनाडा और भारत के विवाद में कुछ देश किसी का पक्ष लेना शुरू कर देंगे। भारत-कनाडा विवाद में कनाडा को अमेरिका, ब्रिटेन, ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड से समर्थन की उम्मीद है। यह पांचों देश फाइव आईज अलायन्स नाम के एक समूह का हिस्सा हैं, जिसके तहत खुफिया जानकारी एक दूसरे के साथ साझा करते हैं।अभी तक इस मामले पर इन देशों के जो बयान आये हैं उनमें कनाडा द्वारा लगाए गए आरोपों पर गंभीर चिंता व्यक्त की गई है, लेकिन तुरंत किसी निष्कर्ष की बात भी नहीं की गई है। जानकार इन्हें सावधानी से की गई प्रतिक्रियाएं मान रहे हैं। अमेरिका में बाइडेन प्रशासन ने मामले पर अपनी पहली प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि वह इन आरोपों को लेकर बेहद चिंतित है और अपने कैनेडियन साझेदारों से नियमित संपर्क में है। बयान में यह भी कहा गया, यह बेहद आवश्यक है कि कनाडा की जांच आगे बढ़े और अपराधियों को कानून के सामने लाया जा सके। ब्रिटेन में सरकार के एक प्रवक्ता ने इन्हें गंभीर आरोप बताया और कहा कि सरकार कनाडा के साथ इस विषय पर करीब से संपर्क में है। लेकिन प्रवक्ता ने साथ ही यह भी कहा इस विषय का ब्रिटेन की भारत के साथ चल रही व्यापार संबंधी चर्चा पर कोई असर नहीं पड़ेगा।
अतः अगर हम उपरोक्त पूरे विवरण का अध्ययन कर इसका विश्लेषण करें तो हम पाएंगे कि भारत-कनाडा तल्खी बड़ी - तीन दिन में तीन एक्शन - पश्चिमी देश सतर्क।भारत-कनाडा संबंधों में तपिश नए निचले स्तरपर पहुंची - एडवाइज़री जारी, वीजा पर रोक।अंतरराष्ट्रीय राजनीति की बिसात पर भारत एक ग्लोबल साउथ का नेता बनकर उभरा है, भारत-कनाडा विवाद में पश्चिमी देश सतर्क।
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