कविता - तितली | kavita Titli
November 26, 2023 ・0 comments ・Topic: Bhaskar datta poem
कविता :तितली | kavita - Titli
आसमान है रंग-बिरंगीरातों की झिलमिल-झिलमिल
औ तारों की चमक सुनहली
तितली के पंखों - सी
उड़ी हुई तितली पूछो
कहां तुम्हारा घर है?
कहां तुम्हें मिलती है इतनी
रंग-बिरंगी आज़ादी ....
या फिर रखती हो पौधों पर
अपने रस का स्वर संवेद
और अगर तुम बतलाओगी
अपनी उड़न कहानी तो ...
ग़ायब होते देश बिक रहे
तेरी पंख बने पतवार
रक्षा हो रक्षित जीवन की
और सुरक्षा का संभार...
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