Kavita - antim iccha | अंतिम इच्छा
December 31, 2023 ・0 comments ・Topic: poem Prem Thakker
अंतिम इच्छा
बस एक अंतिम इच्छा है
तुम से मुलाकात करने की
मेरे जीवन में तुम्हारा जो महत्त्व है उसपर बात करने की
यही बस एक अंतिम इच्छा है
समन्दर किनारे पैर को डुबोते हुए
हमारी आँखें एकदूजे में खोते हुए
आवश्यकता नहीं अब हमें रोने की
जीवन के गमगीन पलों को और ढोने की
प्रेमरूपी माला में हमारे एहसास के मोती पिरोने की
यही बस एक अंतिम इच्छा है
बंज़र पड़ी दिल की ज़मीन पर तप रही असह्य पीड़ा है
राहत मिलेगी अगर दिकुप्रेम मिलन की बरसात हो
बस अंतिम बार तुम्हारी और मेरी मुलाकात हो
मुज़े तुम्हारे प्रेम को लेकर जीवन में आगे बढ़ना है
तुम्हारे एहसासों के साथ कदम मिलाकर चलना है
यही बस एक अंतिम इच्छा है
यही बस एक अंतिम इच्छा है
यही बस एक अंतिम इच्छा है
प्रेम का इंतज़ार अपनी दिकु के लिए
About author
प्रेम ठक्करसूरत ,गुजरात
ऐमेज़ॉन में मैनेजर के पद पर कार्यरत
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