जीवन को सफल बनाना है | jeevan ko safal banana hai
जीवन को सफल बनाना है
निंदा, चुगली का ज़हर,ना जीवन में घोलो,यही तो है रिश्तों में दीमक,
इन से बस तौबा तुम कर लो।
खुशियों को जीवन में भर लो।
जीओ और जीने दो को अपनाकर ,
जीवन को सुगम बनाना है,
अपनी सोच को उन्नत करके,
जीवन को सफल बनाना है।
पहले कर्तव्यों को पूरा करके,
फिर अधिकार जताना है।
कितनी मुश्किलों को किया है पैदा,
इक दूजे का जीवन दुश्वार किया ,
व्यर्थ ही समय गंवाया अपना,
निज ऊर्जा को बर्बाद किया।
व्यर्थ की बातों से तौबा कर के,
सत्करमों में अब अपनी ऊर्जा को लगाना है।
सकारात्मक दृष्टिकोण अपनाकर,
जीवन को सफल बनाना है।
कंचन चौहान
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