Bharat varsh by arun kumar shukla

 शीर्षक- भारत वर्ष

Bharat varsh by arun kumar shukla


मस्तक दिव्य हिमालय जिसका,

पांव धुले नितसागर इसका।

हृदय भाग में बहती है नित ,

गंगा यमुना की धारा।

दुनिया में सबसे प्यारा ,

यह भारत वर्ष हमारा।।......

सुलभ देव जहां जन्म न पाते,

वेद पुराण जिसका यश गाते।

यहां वहां जहां मन्दिर मस्जिद,

और जगह जगह गुरु द्वारा।। दुनिया......

यहां जन्में चाणक्य से ज्ञानी,

सुश्रुत आर्य मिहिर विज्ञानी।

जन्मा चन्द्रगुप्त जिससे था,

सेल्युकस भी हारा।। दुनिया.......

राजस्थान चन्दन सा न्यारा,

सम्मुख जिसके भय भी हारा।

तलवारों में पला बड़ा जो,

राजपूत है सबको प्यारा।

जगत पूज्य हैं यहां की रानी,

धीर वीर पति धर्म गुमानी।

यहां कई ने मान रक्षण में,

अपने तन को जारा।। दुनिया.....

यहां एक है बंग जहां की अद्भुत छवी निराली,

बच्चा बच्चा वीर और चहुं दिस छायी हरियाली।

जन्मा यहां महा अधिनायक ,

वीर सुभाष हमारा।। दुनिया.....

बिस्मिल शेखर औ बटुकेश्वर,

जो भारत के हैं प्राणेश्वर।

धन्य लाजपत भगत खुदी जो,

इसे प्राण से सींच निखारा। दुनिया.....

 -अरुण कुमार शुक्ला 

Next Post Previous Post
No Comment
Add Comment
comment url