samsamayik - JPSC Result High court by umesh prasad

 उच्च न्यायालय निष्पक्ष न्याय देकर अपनी विरासत को पुनः कायम रखेगा|

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छठी जेपीएससी रिजल्ट के अनियमितताओं पर चुनौती देने वाला याचिकाकर्ता दिलिप सिंह ,प्रदीप राम,राहुल कुमार वाद एवं अन्य याचिकाओं का फैसला कल सुनाया जाएगा |

वहीं देश भर के अभ्यर्थियों की निगाहें यह है कि यदि माननीय उच्च न्यायालय छठी जेपीएससी को रद्द करती है तो यह फैंसला ऐतिहासिक निर्णय होगा अपितु छात्रों मे न्यायालय के प्रति विश्वास कायम हो पायेगा अन्यथा छात्रों को न्याय व्यवस्था से विश्वास उठ जाएगा |

रद्द करने का तो दर्जनों कारण है लेकिन जो ठोस कारण है वो चार  निम्न बिंदु है... 

1. क्वालिफाइंग पेपर को जोड़कर गलत तरीके से फाईनल  मेरिट बनाना | 

2.  मुख्य परीक्षा मे प्रत्येक पेपर मे न्युनतम अर्हतांक का पालन ना करना | 

3 . सर्विस अलोकेशन मे भी अनियमितता बरती गई है, एवं

4 . सबसे मेघा घोटाला पीटी मे 15 गुना से बढाकर 18 गुना करना है.. 

उपरोक्त चारो बिंदु विज्ञापन के शर्तों व नियम के विपरीत है|

सच्चाई तो यह है कि झारखंड मे न्यायपालिका के प्रति छात्रों के विश्वास मे कमी आई है ,चुंकि न्यायपालिका गंभीर संकट के दौर से गुजर रही है, वह संकट विश्वास का है |


फिर भी आखिरी उम्मीद है झारखंड, बिहार, उतरप्रदेश, छतीसगढ़, दिल्ली एवं अन्य राज्यों के पीसीएस अभ्यर्थियों मे कि कोर्ट का रुख न्याय प्रदान करने मे पारदर्शिता अवश्य दिखाएगी |


    ज्ञातव्य है कि माननीय न्यायालय के अपनी महान  विरासत को कायम रखेगा | यह विधि, न्याय, विधि शास्त्र के प्रगतिशील विकास मे अपने योगदान को बढ़ाएगा | इसके साथ ही यह भी सुनिश्चित करेगा कि न्याय का प्रशासन जनसाधारण के प्रति निष्ठा और प्रतिबद्धता के साथ जारी रहेगा |

                  उमेश प्रसाद✍ युवा लेखक व स्तम्भकार (रांची )

यह विचार लेखक के है |

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