Jivan me aajadi by Anita Sharma

August 22, 2021 ・0 comments

 जीवन में आजादी

Jivan me aajadi by Anita Sharma


यूँ तो आजादी सभी का स्वप्न है।

पर दायित्व में सभी बंधे हुए।

है संसार कर्तव्यो के निर्वहन का।

बंधे सभी रिश्तों-नातों की डोर से।

हाँ आजादी विचारों की शृंखला की।

कुछेक स्वैच्छिक रूचिकर कार्यो की।

आजादी जीवन में मर्यादित हो।

न कष्ट हो किसी अपने को।

आजादी तो हो किन्तु....

बोल मीठे मुख से निकले।

हो आजादी जीवन में निर्णय लेने की।

राह परिपक्व होनी चाहिए।

जीवन समाज के बंधन का है।

आजादी जीवन के लिए जरूरी पर....

सामाजिक शिष्टाचार का भान होना चाहिए।

जकड़न न हो रिश्तों में मानसिकता आजाद होनी चाहिये।

-----अनिता शर्मा झाँसी

-----मौलिक रचना

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