Bal kavita raat by mainudeen kohri
September 18, 2021 ・0 comments ・Topic: balkavita poem
बाल कविता
रात
रात हुई भई रात हुई ।
दिन हो गया ज्यूँ छुई मुई ।।
रात हुई अंधेरा साथ लाई ।
आसमान में तारों की बारात आई ।।
टिमटिम- टिमटिम तारे चमके ।
गिनते- गिनते आँखें झपके ।।
छोटे- छोटे झुरमुट से तारे ।
कुछ पगडंडी जैसे लगते तारे ।।
सबसे बड़ा चमकीला तारा ।
उत्तर दिशा में दिखता ध्रुवतारा।।
अलगअलग समय कुछ दिखते तारे ।
सप्त ऋषिमण्डल कीर्ति कुछ तारे।।
तारे देख दादी-नानी समय बताती ।
रात जाते-जाते तारे साथ ले जाती ।।
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स्वरचित / अप्रकाशित रचनाएं
*मईनुदीन कोहरी नाचीज़ बीकानेरी
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