Desh ke Gaurav shikshak divas vishesh by dr indu kumari
September 13, 2021 ・0 comments ・Topic: poem
शिक्षक दिवस विशेष कविता
देश के गौरव-शिक्षक है
-राधाकृष्णन
हमारा देश सब देशों का हैं गुरू
यहां की सभ्यता संस्कृति अनूठी है
यहां की पावन धरती में
उपजै हैअनोखे प्यारे फूल
इन फूलों की खुशबू ने
विश्व में सुगंध फैलाए हैं
धैर्य बुद्धि विवेक क्षमा-
शीलता से महागुरू कहलाए हैं
इसी कड़ी में आते हैं अद्वितीय
अदभूत बालक राधाकृष्णन की
छोटी-सी कुटिया से निकलकर
परचम लहरायी दूनिया में
शिक्षक बनकर शिक्षा की अलख
जगाते रहेअनवरत जीवन पर्यन्त
स्वतंत्र देश के बने उपराष्ट्रपति
फिर राष्ट्रपति बनकर सिखाए हैं
बड़े-बड़े पद पाकर नहीं बौड़ाए हैं
चरित्र निर्माण करती जो शिक्षा
जिन्दगी में अमल कर गाऐ हैं
विद्वान नहीं हम शिक्षक है
भावी-पीढ़ी के रक्षक हैं
ऐसे महान के हैं जन्म दिवस
मनाते रहेंगे हम शिक्षक दिवस
स्व रचित
डॉ.इन्दु कुमारी
मधेपुरा बिहार
मौलिक रचना
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