Tute huye risto ka ahsas by km.soni muskan
टूटे हुए रिश्तों का एहसास
कुछ टूटे हुए रिश्तों की भी हमेशा याद आती है
रिश्ते तो खत्म हो चुके हैं लेकिन तुम उसे संभालते क्यों हो
जब मुझसे इतना ही नफरत थी तुझे
तो इतने करीब आकर सताते क्यों हो
और जब दूर चले ही गए हो तुम तो दूर ही रहो न
कभी कभी पास आकर मुझे तड़पाते क्यों हो
तुम अगर अच्छे हो तो अच्छे ही बने रहो न
अपनी अच्छाई पर इतना इठलाते क्यों हो
मैं अगर बुरी हूं तो मुझे बुरी रहने दो न
खुद को अच्छा दिखाने के लिए मेरी बुराई करते क्यों हो
एक घाव पुराना भरा नहीं कि एक दर्द और भी दे दिए
एक वक्त एसा भी होता था जो तुम सिर्फ मुझपे ही मरते थे
और मेरी हर खुशी के खातिर बेमतलब सबसे लड़ते क्यों थे
हां ये सच है कि तुम्हारे दिए हुए दर्द के कारण मेरे आंखो से आंसू निकल आते हैं
झुक जाती हूं मैं भी किसी ख़ास के सामने
क्योंकि मुझे भी तो अपने रिस्पेक्ट से प्यार है न
हम तो मुस्कुराकर दर्द छुपा लेते है और लोग हम जैसे बनने की दुआ मांगते क्यों है
मैं अगर बार बार तुम्हें रिस्पेक्ट देती हूं तो क्या तुम्हारा
फर्ज नहीं कि तुम भी रिस्पेक्ट करो
अगर तुम्हें रिश्ता नहीं रखना मुझसे तो कह दो न प्यार से
मुझे इतना सताने की जरूरत क्या है हम खुद ही चले जायेंगे तुम्हारी जिंदगी से
हर वक्त, हर पल, हर किसी के सामने मुझे अपने से नीचा दिखाते क्यों हो
एक बात पूछूं, क्या कमी रखी थी मै तुमसे रिश्ते निभाने में
कि तुम थोड़ा भी हिचके नहीं मुझसे दूर जाने में
पर सच बताएं तुम्हें भुलाना मुश्किल तो है पर दूर जाने से सुकून भी बहुत मिला
अच्छा है कि तुम हमसे दूर ही रहो न पास आकर हमें
इतना रुलाते क्यों हो....।
कु. सोनी भारती