Bhedbhav by Anita Sharma

 भेद भाव

Bhedbhav by Anita Sharma


भेद भाव के रंग रूप में बंटा हुआ संसार है।

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एक ईश की संतान सभी हैं।

मत भेदभाव दिलों में रखो।

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छोटा सा जीवन है सबका हिल-मिल खुशी से जी लो ।

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हंसते-बोलते साथ साथ रह लो।

जाति पांति में बंटकर वैमनस्यता मत बढ़ाओ।

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रंग भेद या भाव भेद में मत उलझ तकरार बढ़ाओ।

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न कोई ऊँचा न कोई नीचा।

समभाव मैत्री सुख पाओ।

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भेदभाव से ऊपर उठकर नव संसार बनाओ।।


-----अनिता शर्मा झाँसी
-----मौलिक रचना

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