गुरुनानक जी-सुधीर श्रीवास्तव

 गुरुनानक जी

गुरुनानक जी-सुधीर श्रीवास्तव

कार्तिक मास में

संवत पन्द्रह सौ छब्बीस को

माँ तृप्ता के गर्भ से

कालू मेहता के आँगन 

तलवंडी, पंजाब (पाकिस्तान) में 

जन्मा एक बालक,

मातु पिता ने नाम दिया था

उसको नानक।

आगे चलकर ये ही नानक

सिख धर्म प्रवर्तक बने

सिख पंथ स्थापित कर

सिखों के प्रथम गुरू बन

हो गये नानक महान,

तब से दुनिया पूजता

गुरूनानक जी का नाम,

तलवंडी भी बन गया

ननकाना साहिब धाम।

जाति धर्म और ऊँच नीच का

कोई अर्थ नहीं है,

ईश्वर, अल्लाह, वाहेगुरु ,ईशा

करते भेद नहीं है।

राजा रंक हों या नर नारी 

सब हैं एक समान,

ओंकार एक है बतलाये

पैदल भ्रमण कर देश विदेश

दुनिया को सिखलाए।

राम,कृष्ण, कबीर परंपरा को

ही नानक आगे बढ़ाए,

गुरुवाणी से नानक जी ने

मुक्ति का मार्ग दिखाए।

अंधविश्वास से बचने की राह दिखाए

मानवता, सेवा, परोपकार की

सबको राह बताये।

अपने सम समझो दीन दुःखी को

गुरुनानक जी बतलाये,

ईर्ष्या, निंदा, नफरत से बचो

ज्ञान की ज्योति प्रकाश फैलाए।

पुत्रमोह से दूर, शिष्य अंगद को

गुरुगद्दी पर बैठाए,

ऐसे गुरुनानक जी सबके

प्रभु के धाम सिधाए।

● सुधीर श्रीवास्तव
      गोण्डा, उ.प्र.
8115285921
©मौलिक, स्वरचित

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