राजनीति की जीत-जितेंद्र कबीर
राजनीति की जीत
राजनीति की जीत है यह
लोकतंत्र की जीत का
मत दो इसे नाम,
पहले-पहल जब उठी थी
इन कृषि कानूनों के
विरोध में आवाज,
तब ही कर लिया जाता
सभी संबंधित पक्षों की मांगों पर
सहानुभूतिपूर्वक विचार,
तो यह लोकतंत्र की जीत
कहलाती,
अब जो आने वाले चुनावों में
राजनीतिक नुकसान के
भय से लिया गया है यह निर्णय
तो लोकतंत्र की जीत का
मत दो इसे नाम,
एक कृषि प्रधान देश में
किसानों को अपनी ही जमीन पर
अपनी ही मेहनत से उगाई
फसल के निस्तारण पर
अधिकार के लिए गंवानी पड़ें अगर
सैंकड़ों की संख्या में जानें,
चौदह महीनों तक सड़कों पर
आंदोलनरत रह सहने पड़े
कई सारे उत्पीड़न एवं अत्याचार,
खालिस्तानी, आतंकवादी, देशद्रोही
जैसे विशेषणों का मिले उन्हें
सरकार समर्थित बयान वीरों से इनाम,
तो लोकतंत्र की जीत का
मत दो इसे नाम।
किसानों को हुई तकलीफों पर
खेद जताना तो दूर की बात है
उल्टा उनकी नासमझी पर ही
फोड़ा गया है ठीकरा
इन कानूनों की वापसी का,
इससे ही साफ हो जाता है
कि कितने बेमन से
आया है यह परिणाम,
तो लोकतंत्र की जीत का
मत दो इसे नाम।