दीप संग नूर दमका
दीपो संग चेहरे पर नूर दमका है।
कहीं सजना का प्यार छलका है ।
उनकी नजरों से नजरें मिली है।
मुझको आज सारे जहाँ की खुली मिल गयी।
आज सोलह शृंगार किया है ।
सजना आज भाया है मुझको।
ये चूड़ी ये पायल बिछिया।
ये माथे की सुन्दर बिन्दिया।
आंखो में मदहोशी छाई।
साथ पिया की मुस्कान है।
ये अंगूठी का नग दमके।
हीरे संग खुशहाली बरसे।
सुहागिन का सिन्दूर माँग में
हरदम साथ पिया का चाहे।
दीपो संग चेहरे की चमकमें
साजन का प्यार दमकता है।
---अनिता शर्मा झाँसी
-----मौलिक रचना
हिन्दी साहित्य के प्रसिद्ध कवि एवं शायर चन्द्र प्रकाश गौतम (सी.पी. गौतम) का जन्म 13 अगस्त सन् 1995 को उत्तर प्रदेश के मीरजापुर जनपद के छीतकपुर गाँव में हुआ ।
इनकी प्रारम्भिक शिक्षा गाँव के ही प्राथमिक विद्यालय से शुरू हुई
इन्होंने उच्च शिक्षा स्नातक की पढ़ाई काशी हिन्दू विश्वविद्यालय से की तथा यहीं से हिन्दी साहित्य में परास्नातक की पढ़ाई भी की ।
स्नातक व परास्नातक की परीक्षा प्रथम श्रेणी में उत्तीर्ण की है।
चन्द्र प्रकाश गौतम की हिन्दी साहित्य में विशेष रुचि है ।
इन्होंने कई महत्वपूर्ण कविताओं एवं आलोचनात्मक लेखों का सृजना किया है , जो देश के विभिन्न राज्यों के दैनिक समाचार पत्रों , पत्रिकाओं में प्रकाशित है साथ ही इनकी कुछ रचनाएं भारत के अलावा अमेरिका में भी प्रकाशित हुई हैं
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