sushasan ko akhiri chhor tak le jana hai by kisan bhavnani

 कविता
सुशासन को आखिरी छोर तक ले जाना हैं 

sushasan ko akhiri chhor tak le jana hai by kisan bhavnani


सरकारों को ऐसी नीतियां बनाना हैं 

सुशासन को आखरी छोर तक ले जाना हैं 

लोगों के जीवन की गुणवत्ता में सुधार करके 

सुखी आरामदायक बेहतर जीवन बनाना हैं 


भारतीय लोक प्रशासन को ऐसी नीतियां बनाना हैं 

वितरण प्रणाली में क्षमता अंतराल को दूर 

करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाना हैं 

सुशासन को आखिरी छोर तक ले जाना हैं 


भारत को परिवर्तनकारी पथ पर ले जाना हैं 

सबको परिवर्तन का सक्रिय धारक बनाना हैं 

न्यूनतम सरकार अधिकतम शासन प्रणाली लाना हैं सुशासन को आखिरी छोर तक ले जाना हैं 


सुविधाओं समस्यायों समाधानों की खाई पाटना हैं 

आम जनता की सुविधाओं को बढ़ाना हैं 

प्रौद्योगिकी पर जोर देकर विकास को बढ़ाना हैं 

कल के नए भारत को साकार रूप देना हैं


-लेखक- कर विशेषज्ञ, साहित्यकार, कानूनी लेख़क, चिंतक,कवि, एडवोकेट किशन भावनानी गोंदिया  महाराष्ट्र

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