रुकना तो कायरो का काम है!-डॉ. माध्वी बोरसे

रुकना तो कायरो का काम है!

रुकना तो कायरो का काम है!-डॉ. माध्वी बोरसे
चलते जाए चलते जाए,
यही तो जिंदगी का नाम है,
आगे आगे बढ़ते जाए,
रुकना तो कायरों का काम है!

गिर जाए तो खड़े हो जाएं,
जब ही तो सलाम है,
मंजिलों को पाते जाए,
यही जिंदगी का अंजाम है!

हौसलो की बुलंदियों को, छूते जाए,
नहीं करना आराम है,
सफलताओं को पाते जाए,
यही सच्चा प्रमाण है!

खुशियां हर पल की मनाते जाए,
यही जिंदगी का सम्मान है,
जगती आंखों से सपने पूरे करते जाए,
वही तो सच्चा इंसान है!

सीख कर जो ना सिखाएं,
बेकार का अभिमान है,
सीखते और सिखाते जाए,
फिर तो वह महान है!

जिंदगी में उतारते जाए,
वही तो सच्चा ज्ञान है,
ऊर्जा का सही उपयोग करते जाए,
यही तो सही पहचान है!

परिश्रम करके कमाई करते जाए,
फिर ही तो हममें ईमान है,
इस जिंदगी की सही कीमत को समझते जाए,
यह जिंदगी तो ऊपर वाले का एहसान है!

हर पल में खुल कर मुस्कुराए,
क्यों यह जिंदगी वीरान है,
खुद को चलो बेहतरीन बनाएं,
क्यों सच्चाई से अनजान है!

सकारात्मकता को अपनाते जाए,
हम क्यों इतने परेशान है,
स्वयं पर भरोसा करते जाए,
कामयाबी से भरा यह जहान है!
स्वयं पर भरोसा करते जाए,
कामयाबी से भरा यह जहान है!

डॉ. माध्वी बोरसे!
( स्वरचित व मौलिक रचना)
राजस्थान (रावतभाटा)

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