गुरु गोविंद पुकारा है
तेग बहादुर सिंह ने अपने
बेटे को बलिदान दिया झुका नहीं दुश्मन के आगे
मौत को भी स्वीकार किया
क्या घर था क्या बना तुम्हारा
इसकी ओर जरा देखो
अपने खून से रंगो तिरंगा
गुरु गोविंद पुकारा है
भेदभाव क्यों डाल रहे हो
हिन्दुस्तान तुम्हारा है
मिल जुलकर रहना प्यारे
जरूरत पड़ी कमान संभालो
एकता को जो भंग करना चाहे
सर कलम करना नहीं गवारा है
समरसता की गंगा बहाओ
गुरू गोविंद ने स्वीकारा है
भेदभाव क्यों डाल रहे हो
हिन्दुस्तान तुम्हारा है।
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