कामना- डॉ इंदु कुमारी
January 06, 2022 ・0 comments ・Topic: Dr-indu-kumari poem
कामना
फूलों के शहर हो
प्रेम मय डगर हो
स्वच्छ नगर हो
खुशियों के घर में
एकता माहौल हो
समता के गीत से
खुशनुमा संगीत हो
भाईचारा व्याप्त हो
पवित्रता की कसौटी
पे जनता के संदेश में
कोई कसक न शेष हो
खुशबू भरे फिजाओं में
टशन भरी न इश्क हो
हँसी होंठों की शोभा
प्यार की पैमाइश हो
और न गुंजाइश हो ।
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