फसलों के त्योहार - डॉ इंदु कुमारी
फसलों के त्योहार
मकर संक्रांति हम मनाएं
गुड़ तिल चावल चढ़ाएं
दही चूड़ा गुड़ केला खा
खिचड़ी के भोग लगाएं
मिलकर खुशी हम मनाएं
कुंभ में शामिल हों नहाएं
अर्घ दे सूर्य शीश नवाएं
कहीं डोर हाथों में लेकर
चलो पतंग हम उड़ाएं
लाहोड़ी के गीत गाकर
जन मन में उमंग जगाएं
कहीं परिदों को दाना दे
आओ घुघतू कह खिलाए
फसल कट कर घर लाए
किसानों में खुशियाँ छाए
पूरे देश में यह त्योहार
कई रूपों में सदा मनाएं
बीहू पोंगल ओणम पर्व
पतंग सरहुल लौहरी में
राष्ट्रीय विविधता है पाएं
आओ खुशियों के गीत गाएं
फसलों के त्योहार मनाएं।