गणतंत्र दिवस पर राष्ट्रीय नव साहित्य कुंभ द्वारा हुआ भव्य कवि सम्मेलन
देश की एकता अखंडता को एक माला में पिरोने का कार्य करते है कवि/शायर/समाजसेवी==अनिल कुमार राहीमुंबई=साहित्यिक सांस्कृतिक सामाजिक राष्ट्रीय संस्था राष्ट्रीय नव साहित्य कुंभ के तत्वाधान में बुधवार को गणतंत्र दिवस के पावन पर्व पर भव्य ऑनलाइन कवि सम्मेलन का आयोजन गूगल मीट के माध्यम से किया गया।जिसकी अध्यक्षता वाराणसी से इस अवसर पर संस्थाकेअध्यक्ष कवि अनिल कुमार राही ने कहा कि देश की एकता अखंडता को एक माला में पिरोने का कार्य करते है साहित्यकार। वही वरिष्ठ साहित्यकार डाक्टर लियाकत अली जलज ने अपने अध्यक्षीय संबोधन में सभी कवियों प्रसंशा की तथा मुख्य अतिथि एवं विशिष्ट अतिथि के रूप में उपस्थित सभी साहित्यकारों में डॉ माधवी बोरसे कोटा,डॉ लियाकत अली वाराणसी,प्रमिला किरण इटारसी, प्रियंका गुप्ता भोर दिल्ली,अवधेश विश्वकर्मा नमन (मुंबई),सुमन सिंह (सोनभद्र),डॉ विपुल कुमार(अलवर), अलका केसरी आरिया(सोनभद्र),श्याम बिहारी मधुर (सोनभद्र),धीरेन्द्र कुमार वर्मा धीर (लखीमपुर खीरी),सत्यदेव विजय (मुंबई),दिवाकर चन्द्र त्रिपाठी अंबुज (राय पुर),विनय शर्मा दीप (मुम्बई),पंकज कुमार अमन(बिहार), संस्था के सह० संस्थापक व राष्ट्रीय अध्यक्ष कवि/शायर अनिल कुमार राही राही(मुम्बई),संस्थापक रामस्वरूप प्रीतम श्रावस्तवी (श्रावस्ती),कवियत्री नूतन सिंह मुख्य रूप से उपस्थित थे।मंच का संचालन संस्था के राष्ट्रीय मीडिया प्रभारी विनय शर्मा दीप ने मां सरस्वती की वंदना के साथ कवि सम्मेलन का शुभारंभ किया तत्पश्चात सर्वप्रथम अलका केसरी के देशभक्ति गीतों से शुभारंभ हुआ। उपस्थित सभी साहित्यकारों ने देशभक्ति गीतों से ओतप्रोत रचनाओं की प्रस्तुति देकर पटल को धन्य किया। कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे डाक्टर लियाकत अली जलजने सभी की रचनाओं की खूब प्रशंसा की तथा साधुवाद देते हुए जयहिंद,जय भारत,वंदे मातरम का नारा भी लगाया।अंत में विनय शर्मा दीप ने उपस्थित सभी साहित्यकारों की उपस्थिति हेतु धन्यवाद ज्ञापित करते हुए आभार व्यक्त किया और कार्यक्रम का समापन किया।
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