छत्रपति शिवजी महाराज

छत्रपति शिवजी महाराज

छत्रपति शिवजी महाराज
छत्रपति शिवजी महाराज
झुके नहीं मुगलों के आगे ,
शौर्य- साहस के हैं प्रतीक।
मराठा साम्राज्य की नींव बने जो,
महान राजे छत्रपति शिवाजी।
शाहजी के कुलदीपक,
जीजाबाई के अखियन के तारे।
रणनीति उनकी थी अद्बुध,
जिनके आगे शत्रु हारे।
हिंदुत्व था जान उनकी,
पर धर्मनिरपेक्ष रहे वे सदा।
पंडित,संत,पीर,फ़क़ीर सभी को,
एक सा सम्मान दिया।
महिलाओं का करते थे आदर,
मान को उनके रखा सर्वोपरि।
आंच न आने दी सम्मान को,
चाहे शत्रु के घर की हो नारी।
गोरील्ला युद्ध के जनक शिवाजी,
नौसेना का महत्वपूर्ण गठन किया।
चपलता चकित कर देती थी सभी को,
युद्ध में दुश्मन का विध्वंस किया।
हे भारतभूमि तू धन्य हैं,
जहाँ जन्मा छत्रपति शिवजी महाराज।
पराक्रम,बल और युद्ध कौशलता के आगे,
नतमस्तक हुआ शत्रु का सम्राज।

नंदिनी लहेजा
रायपुर(छत्तीसगढ़)
स्वरचित मौलिक अप्रकाशित

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