इम्तिहान के पल
इम्तिहान के पल!
रहना अपने लक्ष्य पर अटल,
इरादे नहीं, अपने तरीके बदल,
ठहरना ना, तू बस चल,
पार कर ले इम्तिहान के पल!!
कर अपनी प्रतिज्ञा पर अमल,
आज नहीं तो अवश्य होगा कल,
हर मुसीबत का होता है हल,
पार कर ले इम्तिहान के पल!!
इस अंधकार में होंगे बहुत छल,
सूर्य के प्रकाश जैसा तू निकल,
कभी बन जा जल सा शीतल,
पार कर ले इम्तिहान के पल!!
इस कीचड़ में भी तू बन के कमल,
ना दे कोई किसी के जीवन में दखल,
जिंदगी को दे तू ताजा शक्ल
पार कर ले इम्तिहान के पल!!
बड़ी सोच की कर दे पहल,
कभी हार तो कभी सफल,
भविष्य तेरा अत्यंत उज्जवल,
बस, पार कर ले इम्तिहान के पल!!!
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डॉ. माध्वी बोरसे!
( स्वरचित व मौलिक रचना)
राजस्थान (रावतभाटा)