यह अवश्यंभावी है-जितेन्द्र 'कबीर'
यह अवश्यंभावी है
जिस समाज में कलाकारोंका समर्पण
कला की उत्कृष्टता के लिए कम
और उससे होने वाली
कमाई व शोहरत पर ज्यादा हो,
वहां कला का स्तर निकृष्ट होते जाना
अवश्यंभावी है।
जिस समाज में खिलाड़ियों
का समर्पण
खेल की उत्कृष्टता के लिए कम
और उससे होने वाली
कमाई व शोहरत पर ज्यादा हो,
वहां खेलों का स्तर निकृष्ट होते जाना
अवश्यंभावी है
जिस समाज में नौकरशाहों
का समर्पण
लोगों की सेवा के लिए कम
और उससे होने वाली
कमाई व रुतबे पर ज्यादा हो,
वहां जनसेवा का स्तर निकृष्ट होते जाना
अवश्यंभावी है।
जिस समाज में राजनीतिज्ञों
का समर्पण
देश की उत्कृष्टता के लिए कम
और उससे होने वाली
कमाई व रुतबे पर ज्यादा हो,
वहां राजनीति का स्तर निकृष्ट होते जाना
अवश्यंभावी है।