तेरे इश्क में
तेेरे नाम से ये शाम
आबाद हो गया
कुछ लिखने जो हम बैठे
खाली दवात हो गया
तुझे सोचा तो
आंसु युं छलका
कि लिखा पन्ना
बर्बाद हो गया
घर से आए तो थे
वकील बनने
लेकिन तेरे इश्क में
जीना दुश्वार हो गया
चाय कि प्याली के जगह
अब हाथों में जाम हो गया
तेरे मेरे इश्क का किस्सा
भी अब आम हो गया
जबसे तेरे जुबान पे
किसी और का नाम हो गया
तुझे चाहा मैंने, तुझे सराहा मैने
मुझपे जुल्म तो तब हो गया
जब तु किसी और का
सरेआम हो गया
चंचल मन तुम थे
और खामखा इश्क
बदनाम हो गया
और इस तरह
हमारे इश्क के कसीदे
भी गुमनाम हो गया
तेरे इश्क में जिये वो पल
आज मेेरे लिए
मौत का फरमान हो गया
सच बताउ तो
तेरे इश्क में
जख्म से जादा
मरहम का नुकसान हो गया।
Comments
Post a Comment
boltizindagi@gmail.com