LaghuKatha - peepal ki pukar | पीपल की पुकार
December 31, 2023 ・0 comments ・Topic: laghukatha story Vikash Bishnoi
लघुकथा पीपल की पुकार
'दादी मां दादी मां, आपके लिए गांव से चिट्ठी आई है', 10 साल के पोते राहुल ने अपनी दादी को पुकारते हुए कहा। मेरे लिए चिट्ठी, भला किसने लिख दी, दादी ने अचंभित होकर कहा। 'पता नहीं, अभी एक भैया चिट्ठी देकर गए', राहुल ने उत्तर दिया।दादी मां ने चिट्ठी देखी तो गांव के सबसे पुराने पीपल के पेड़ की चिट्ठी थी। अपनी व्यथा सुनाते हुए पीपल के पेड़ ने लिखा था, मेरी बहन, तुमने मुझे राखी बांधी थी ना, आज मुझे तुम्हारी जरूरत है। तुम्हारा बेटा तुम्हें शहर ले गया, हो सके तो गांव वापस आकर मुझे बचा लो। आज यहां कुछ लोग पास के एक शहर से आए। मेरी छांव में बैठकर हाईवे बनाने के लिए मुझे काटने की बात कर रहे थे। बहुत से पेड़ों को तो काट भी दिया है। मैं फिर भी अपनी जिंदगी लगभग जी चुका। मुझे मुझसे ज्यादा चिंता मुझपर रहने वाले छोटे बड़े पक्षियों की है, उनका क्या होगा। वो सब बेघर हो जाएंगे। इसलिए हो सके तो गांव लौटकर इन लोगों को रोक लेना मेरी बहन। पत्र पढ़कर दादी मां की आंखें आंसू से भर गई और वह गाँव की ओर रवाना हो गई।
About author
- विकास बिश्नोई
युवा लेखक एवं कहानीकार
हिसार, हरियाणा
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हिसार, हरियाणा
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