मेरा एक सवाल- विजय लक्ष्मी पाण्डेय
मेरा एक सवाल...!!!
पढ़े लिखे काका भैया से,मेरा एक सवाल।
माँ -बहनों की गाली से ,
कब होगा देश आजाद.??
अरे ! देश के दुर्योधन,
कुछ तो सीखो दुर्योधन से।
नहीं बचा पाई गांधारी,
आहत कृष्णा के कसमों से।।
ग्रह नक्षत्र जोड़ तोड़ कर,
करते गुणा गणित दिन रात।
किसकी किसकी बेटी-रोटी,
करनीं है इस बार ।।
माँ बहनों से हटकर बोलो,
पौरुष से पौरुष को जोड़ो ।
पहले खुद को खुद से तौलो,
पानीं सेअपना मुँह धो लो।।
कुछ तो शर्म करो बेजारों,
सुनों दिशा हिन मति मारों ।
बात बात में माँ बहनों को।
क्यों लाते लाचारों।।
काहे की खुद्दारी तेरी ,
कैसी नीति तुम्हारी खास।
सब कुछ माँ बहनों के पास,
फिर कैसे तू पुरुष प्रधान.??
सुनो देश के पहरे दारों ,
पहले एक "विजय"तो दे।
माँ बहनों से नजर हटाकर,
उनको एक वसन तो दे ।।
पढ़े लिखे काका भैया से ,
मेरा एक सवाल।
माँ बहनों की गाली से ,
कब होगा देश आजाद.???