वीर जवान- डॉ इंदु कुमारी
December 15, 2021 ・0 comments ・Topic: poem
वीर जवान
धरती ने उपजाई है
फसलें अब तक जितने
सबसे ऊपर है जिसमें
कहते हैं वो है कोहनूर
अनमोल रत्नों में एक
मर मिटने वाले सपूत
मातृभूमि सबको प्यारी
प्यार करते वीर जवान
आँख उठाने वालों का
खींच लेते हैं प्राण
दे आहूति अभी जान
स्वर्णाक्षर में लिख नाम
करते रहेंगे स्व बलिदान
वसुंधरा की कोख पले
मर -मिटने वाले जवान
वो है हमारे वीर जवान।
Post a Comment
boltizindagi@gmail.com
If you can't commemt, try using Chrome instead.