#1 dharti saja den by dr indu kumari June 27, 2021 ・0 comments ・Topic: poem धरती सजा दें आएं हम सब मिलकर धरती को यूं सजा दें। पेड़ों की कतारें लगा दें इस अवनि को मिलकर हरियाली से सजा दें हम मानव बन जाएं पर्या... Read post
#2 geet sawan barse sakhi by dr indu kumari June 27, 2021 ・0 comments ・Topic: poem गीत - सावन बरसे सखी बरसे रे सखी रिमझिम पनिया चमकै रे सखी मेघ में बिजुरिया। छमकत रे सखी गांव के गौरिया आयल रे सखी सावन महिनमा सावन महिनमा... Read post
#3 kavita Mukti by virendra pradhan June 27, 2021 ・0 comments ・Topic: poem मुक्ति किसी डांट-डपट से बेपरवाह हो मन चाहता है खेलना मनमफिक़ खेल जो बन्धे न हों बहुत अनुशासन मेँ परे हों कड़े नियमों से। मन बहुत देर तक अंदर ... Read post
#4 Chor chhipa baitha hai man me by dr hare krishna mishra June 27, 2021 ・0 comments ・Topic: poem चोर छिपा बैठा है मन में चोर छिपा बैठा है मन में मैं ढूंढ रहा हूं दूसरे तन में, कैसी विडंबना है जीवन की आरोपित करता मैं किसको ? बड़ी जलन जीव... Read post
#5 Samvedna viheen hm dr hare krishna mishra June 27, 2021 ・0 comments ・Topic: poem संवेदना विहीन हम संवेदना विहीन हम बांट पाय दर्द कौन। अनाथ तो बना गया, प्रकृति भी मौन क्यों ? दर्द क्यों एक को बाकी हम हैं कौन ? मनुष्य ह... Read post
#6 Hamare Sanskar by sudhir srivastav June 27, 2021 ・0 comments ・Topic: poem हमारे संस्कार माना कि आधुनिकता का मुलम्मा हम पर चढ़ गया है, हमनें सम्मान करना जैसे भुला सा दिया है। पर ऐसा भी नहीं हैं कि दुनियां एक ही रंग ... Read post
#7 kavita Surma by kamal siwani June 27, 2021 ・0 comments ・Topic: poem शूरमा जीवन मग में चलना तो , बस सदा अकेले पड़ता । शूरमा जो होता वह रण में , निपट अकेले लड़ता ।। रहता जो पूरित साहस से , तनिक नहीं घबराता । व... Read post
#8 एक रूपया-सिद्धार्थ पाण्डेय June 27, 2021 ・0 comments ・Topic: poem एक रूपया एक रुपया में खुश हो जाने वाले ,दिन की बात निराली थी। जेबें तो लिबाज़ में अनेकों थीं,पर सारी की सारी खाली थी। मेरे हम उम्रों को याद ह... Read post
#9 Sukh dukh ki kahani by siddharth pandey June 27, 2021 ・0 comments ・Topic: poem Siddharth_Gorakhpuri सुख दुःख की कहानी आँखों में उसने तराशी हैं खुशियां , न ढूँढ़ पाना तो अपनी नाकामी। ख़ुशी उसने बख्शी है चेहरे पे सबके , गर दुख ढूँढ़ ले तो है कै... Read post
#10 Jindagi bhar by siddharth bhar June 27, 2021 ・0 comments ・Topic: poem जिंदगी भर जमाने ने दी है तोहमत की दौलत ,इसको समेटे रहो जिंदगी भर। सफाई जो कर दोगे जेहन का अपने ,रह न जाएगी थोड़ी कमी भर। परवाह जिस दिन कर लो... Read post
#11 Bhavnaye liye by siddharth pandey June 27, 2021 ・0 comments ・Topic: poem भावनाएं लिए फिर रहे दर बदर भावनाएं लिए। तुम अपने लिए हम पराये लिए। आदमी आदमी को पहचानता कहाँ अब बड़े फिर रहे है दुवाएँ लिए। आदमी आदमी से आदम... Read post
#12 Sapne by shri shiv narayan jauhari vimal June 27, 2021 ・0 comments ・Topic: poem सपने दो आँख चिपका दी गई हैं हरेक चहरे पर पढो दस्तावेज दुनिया की चित्रपट देखो और सुलझाओ पहेली दीन दुनिया की | रोशनी हो मन साथ हो और ऑंखें... Read post
#13 Bharat varsh by arun kumar shukla June 27, 2021 ・0 comments ・Topic: poem शीर्षक- भारत वर्ष मस्तक दिव्य हिमालय जिसका, पांव धुले नितसागर इसका। हृदय भाग में बहती है नित , गंगा यमुना की धारा। दुनिया में सबसे प्यारा ,... Read post
#14 karm hi Ishwar by kamal siwani bihar June 27, 2021 ・0 comments ・Topic: poem कर्म ही ईश्वर क्या ईश्वर मिलता है हमको , अंग भभूत रमाने में ? क्या ईश्वर मिलता है हमको , हठ का योग अपनाने में... Read post
#15 kavita Sandeh by sudhir srivastav June 27, 2021 ・0 comments ・Topic: poem संदेह संदेह के बादल एक बार घिर आये, तो सच मानिए कि फिर कभी न छंट पाये, मान लिया छंट भी गये तो भी उसके अंश अपनी जगह कभी अपनी जगह से न हिल ... Read post
#16 Mahila sashaktikaran by priya gaud June 27, 2021 ・0 comments ・Topic: lekh महिला सशक्तिकरण महिलाओं के सशक्त होने की किसी एक परिभाषा को निश्चित मान लेना सही नही होगा और ये बात सही साबित करने के लिए सबसे पहले ये मानन... Read post
#17 antarjateey vivah aur honor killing ki samasya June 27, 2021 ・0 comments ・Topic: lekh अंतरजातीय विवाह और ऑनर किलिंग की समस्या : इस आधुनिक और भागती दौड़ती जिंदगी में भी जहाँ किसी के पास किसी के लिए समय नही होता वहाँ आज भी अंतर... Read post
#18 bihadon ki bandook by priya gaud June 27, 2021 ・0 comments ・Topic: poem "बीहड़ों की बंदूक" बीहड़ों में जब उठती हैं बंदूकें दागी जाती हैं गोलियां उन बंदूकों की चिंगारी के बल पर दी जाती है अपने चूल्हों में... Read post
#19 Rajdaar dariya by priya gaud June 27, 2021 ・0 comments ・Topic: poem राज़दार दरिया दरिया सबकी मुलाकातों की गवाह रहती है कुछ पूरी तो कुछ अधूरी किस्सों की राजदार रहती है आँखे बंद हो तो जिसकी सुकुन भरी एक बयार र... Read post
#20 sawam ki rachyita by priya gaud June 27, 2021 ・0 comments ・Topic: poem "स्वयं की रचयिता" तुम्हारी घुटती हुई आत्मा का शोर कही कैद न हो जाये उलाहनों के शोर में इसलिए चीखों जितनी ताक़त है तुम्हारे भीतर और... Read post
#21 kavita Prithvi by priya gaud June 27, 2021 ・0 comments ・Topic: poem "पृथ्वी " पृथ्वी के उदर पर जो पड़ी हैं दरारें ये प्रमाण है कि वो जन्म चुकी है शिशु इतंजार में है उस मरहम के जो भर दे उसकी दरारें औ... Read post
#22 kavitaon ke aor by priya gaud June 27, 2021 ・0 comments ・Topic: poem "कविताओं के ओर" खोजें नही जाते कविताओं और कहानियों के ओर ये पड़ी रहती है मन के उस मोड़ पर जो बेढंगी तरीके चलती ही रहती है जो खाली... Read post
#23 Kabir par kavita by cp gautam June 27, 2021 ・0 comments ・Topic: Chandra Prakash Gautam poem कबीरदास पर कविता होश जब से सम्भाला , सम्भलते गये आग की दरिया से निकलते गये फेंकने वाले ने फेंक ... Read post
#24 poem on village in hindi | गांव पर कविता June 27, 2021 ・0 comments ・Topic: poem Rajesh Shukla कविता-देखो कितने गांव बदल गए...। हर देहात के ताव बदल गए, देखो कितने गांव बदल गए। कुआ बाबड़ी ,पानी भूले , देखो तो तालाब बदल गए। खेड़ापति अब नही... Read post
#25 Paryavaran me zahar ,praniyon per kahar June 27, 2021 ・0 comments ・Topic: lekh लेख आलेख : पर्यावरण में जहर , प्राणियों पर कहर बरसात का मौसम है़ । प्रायः प्रतिदिन मूसलाधार वर्षा होती है़ । कभी -कभी तो कई दिनों तक लगातार वर... Read post
#26 kavita banabatta by dr hare krishna June 27, 2021 ・0 comments ・Topic: poem बाणभट्ट बाणभट्ट की विद्वता का भूषण को उपहार मिला है पिता पुत्र की रचनाओं पर लिखने का अधिकार नहीं है ।। कहते हैं कादंबरी उनकी, रचनाओं में बह... Read post
#27 kavita ambar ka dheraj tut gaya by anita sharma June 23, 2021 ・0 comments ・Topic: poem कविता आज धरती का दुख देख-देख। अम्बर का धीरज टूट गया। भीग गयी अंखिया अम्बर की। बरस गये अश्रु बादल बनकर। हुआ दुखी तब मिलन धरा का। अपने अम्बर ... Read post
#28 bal shramik diwas par kavita by anita sharma June 23, 2021 ・0 comments ・Topic: poem बाल श्रमिक दिवस पर कविता कितनी मजबूर जिन्दगी , मासूम उम्र में मेहनत करते। कचरा बीनने को मजबूर , कितने मैले लिवास ओढ़ते । ढाबो में दिखते ये... Read post
#29 kavita anubandh by dr hare krishna mishra June 23, 2021 ・1 comments ・Topic: poem अनुबंध परंपरागत अनुबंध हमारा, कब टूटेगा था ज्ञात नहीं , सहज सरल जीवन जिया है हमको है अभिमान नहीं। ।। सुखद कामना मंगलमय जीवन सबको हो अधि... Read post
#30 kavita sawan ki bund by kamal sewani June 23, 2021 ・1 comments ・Topic: poem सावन की बूँद सावन की रिमझिम बूँदें जब , झरतीं नील गगन से । शस्य रूप अवलोकित होता , वसुधा के कण-कण से।। शुष्क पड़े सरवर का जल तल , ... Read post
#31 kavita-wo jamana by sudhir srivastav June 23, 2021 ・0 comments ・Topic: poem वो जमाना आज जब अपने पिताजी की उस जमाने की बातें याद आती हैं, तो सिर शर्म से झुक जाता है। माँ बाप और अपने बड़ों से आँख मिलाने में ही डर लगता थ... Read post
#32 kavita-haiwaniyat by antima singh June 23, 2021 ・0 comments ・Topic: poem कविता- हैवानियत कमजोर जानकर किसी को क्युं सताते हैं लोग, मासूम दिलों पे पत्थरों की बौछार क्युं चलाते हैं लोग, कभी सोचते हैं क्युं नहीं कि ... Read post
#33 Laghukatha- mairathan by kanchan shukla June 23, 2021 ・0 comments ・Topic: story कहानी मैराथन डॉक्टर ने बोला है, आज के चौबीस घंटे बहुत नाजुक हैं। हल्का फुल्का सब सुन रहा हूँ। कोई मलाल नही। जीवन की इस अंतिम बेला में, पीछे मुड़क... Read post
#34 kavita kal ki mahabharat aur aaj ki mahabharat by saurabh June 23, 2021 ・0 comments ・Topic: poem "कल की महाभारत और आज की महाभारत" महाभारत के सभी पात्र, अब तो घर ही में है, घृतराष्ट्र, दुर्योधन, शकुनि, सब तो घर ही में है । असली ... Read post
#35 Laghukatha-dikhawati by kanchan shukla June 23, 2021 ・0 comments ・Topic: story कहानी दिखावटी मिहिका के दिल में बहुत कसक है। शुरुआत में तो ज़्यादा ही होती थी। जब भी माँपिता से, इस बात का ज़िक्र किया। वे कहते,"हमें तुझ पर ... Read post
#36 vyangkatha- police ka chakravyuh by suresh bhatia June 23, 2021 ・0 comments ・Topic: laghukatha sudhir_srivastava vyang व्यंग्य कथा –पुलिस का चक्रव्यूह. मुंगेरी ने कसम खायी थी उसका कितना ... Read post
#37 Lekh aa ab laut chalen by gaytri bajpayi shukla June 22, 2021 ・0 comments ・Topic: lekh लेख आ अब लौट चलें बहुत भाग चुके कुछ हाथ न लगा तो अब सचेत हो जाएँ और लौट चलें अपनी संस्कृति की गोद में जो आज भी जीवित है हम सबके अंतरात्मा में ।... Read post