#1 Pareshani by Mausam Khan September 30, 2021 ・0 comments ・Topic: poem परेशानी है , परेशान आज जहां सुख तलाश करता चहूं दिस ओर। कुछ लिखने कि कोशिश करता हूं तुमको करना है इन पे गोर।। शुरू करते है किसान से, जिस... Read post
#2 Jana us par hai by siddharth gorakhpuri September 30, 2021 ・0 comments ・Topic: poem जाना उस उसपार है , जाना उस उसपार है ,मगर मैं किनारे चल रहा हूँ। बात ये है कि मैं खुद के सहारे चल रहा हूँ। थोड़ा ही सही ,आहिस्ता आहिस्ता बदल... Read post
#3 Daulat by Siddharth gorakhpuri September 30, 2021 ・0 comments ・Topic: poem दौलत तेरी फितरत ऐसी है ,कि सबकी जुबान बदल देती है। बुराइयों का लिबास ओढ़े व्यक्ति की पहचान बदल देती है। तेरे अकूत होने से सारे दोष मिथ्या हो... Read post
#4 Prathana by Jay shree birmi September 30, 2021 ・0 comments ・Topic: poem प्रार्थना न दे दर्द इतना कि सह न सकूं मैं मेरे दाता संभालना तो तुझ ही को हैं झमेले मेरे भुला दे सब दोष मेरे बिनती हैं ये न तैर पाऊंगी अब ये... Read post
#5 Mushkil dagar hai by Jitendra Kabir September 30, 2021 ・0 comments ・Topic: poem मुश्किल डगर है एक तो सच्चाई के पथ पर चलना दुश्वार होता है ऊपर से बुराई का आकर्षण भी दुर्निवार होता है, अकेले ही चलना पड़ता है इस मुश्किल डग... Read post
#6 Pramanikta by Jay Shree birmi September 30, 2021 ・0 comments ・Topic: Aalekh lekh प्रामाणिकता भ्रष्टाचार और अप्रमाणिकता सुसंगत नहीं हैं।भ्रष्टाचारी भी उसको रिश्वत देने वाले की ओर प्रमाणिक हो सकता हैं, तभी वह किसी का भी को... Read post
#7 Har dushkarm ke bad by Jitendra Kabir September 30, 2021 ・0 comments ・Topic: poem हर दुष्कर्म के बाद भूल जायेंगे लोग इन बर्बर घटनाओं को, जो नहीं भुला पाएंगे वो बहला लेंगे खुद को झूठा दिलासा दे कर, कि उसकी तो किस्मत ही खर... Read post
#8 Umra bhar rotiyan seki by Vijay lakshmi Pandey September 30, 2021 ・0 comments ・Topic: poem उम्र भर रोटियाँ सेंकी...!!! उम्र भर रोटियाँ सेंकी हमनें , हाथ जले तो असावधानी हमारी है। लॉट के लॉट बर्तन धोये हमनें , तुमनें... Read post
#9 Insan tyag sakta hai by Jitendra Kabir September 30, 2021 ・0 comments ・Topic: poem इंसान त्याग सकता है जब देखता हूं मैं किसी स्वर्ण को अपने दलित 'बॉस' या फिर दलित सहयोगी के साथ बैठकर भोजन करते समय सदियों पुरानी छ... Read post
#10 Vartman Gujrat ka RajKaran by Jay Shree birmi September 30, 2021 ・0 comments ・Topic: Aalekh lekh वर्तमान गुजरात का राजकारण एक ही रात में गुजरात के मुख्यमंत्री श्रीमान रुपाणी का राजत्याग करना थोड़ा आश्चर्यजनक था किंतु पूरी कैबिनेट बदल ... Read post
#11 Aap beeti by Sudhir Srivastava September 30, 2021 ・0 comments ・Topic: Aalekh lekh आपबीती पक्षाघात बना वरदान सुनने में अजीब लग रहा है किंतु बहुत बार जीवन में ऐसा कुछ हो ही जाता है जिसकी कल्पना तक नहीं होती है। ... Read post
#12 Shipra ke kinare by Dr. H.K. Mishra September 30, 2021 ・0 comments ・Topic: poem शिप्रा के किनारे महाकाल के प्रांगण में जब , हम दोनों चलकर आए थे , दर्शन पूजन कर शिव का , शिप्रा तट पर चल आए थे ।। महाकाल की महिमा सारी , न... Read post
#13 Muktidham by Dr. H.K. Mishra September 30, 2021 ・0 comments ・Topic: poem मुक्तिधाम प्रीत की रीत निभाने को दो गीत मिले गाते गाते, एक प्यार तुम्हारे पाने का, दूजे दर्द भरे एहसासों का ।। जीवन ने करवट ले ली है, दो पु... Read post
#14 Maa mujhe na mar by mainudeen kohri September 30, 2021 ・0 comments ・Topic: poem माँ मुझे ना मार माँ, मैं भी कुल का मान बढाऊँगी । माँ ,मैं भी रिश्तों के बाग सजाऊंगी।। माँ,मुझे कोख में हरगिज न मारना। माँ, मैं भी तेरी परछा... Read post
#15 Betiyan by Anita Sharma September 30, 2021 ・0 comments ・Topic: poem बेटियाँ बिटिया से घर संसार है, रौनक घर परिवार है। सबके बीच की अहम् कड़ी। प्यार और विश्वास की मूरत है। खूब पढ़ाओ ,सुखी बनाओ। उज्जवल भविष्य ब... Read post
#16 Meri beti by Jay shree birmi September 30, 2021 ・0 comments ・Topic: poem मेरी बेटी जब देखें कोमल हाथों को बाजू के पास मेरे एहसासों से भर गया था मन और ह्रदय दोनों मेरे जो मांगा था रब से वही तो बाजू में मेरे धरा थ... Read post
#17 Shanti aur prem ki chah by Jitendra Kabir September 29, 2021 ・0 comments ・Topic: poem शांति और प्रेम की चाह कोई कितना भी क्रूर हुआ, हत्यारा हुआ, झूठा,पाखंडी और चोर हुआ, पर समाज के सामने सच्चा,अच्छा और महान कहलाने का जरूर अभिल... Read post
#18 Dekhein pahle deshhit by Jayshree birmi September 29, 2021 ・0 comments ・Topic: lekh देखें पहले देशहित हम किसी भी संस्था या किसी से भी अपनी मांगे मनवाना चाहते हैं, तब विरोध कर अपनी मांगे पूरी करवाना चाहते हैं।वह चाहे दफ्तर ह... Read post
#19 Vichardhara by nandini laheja September 29, 2021 ・0 comments ・Topic: poem विचारधारा अनगिनत विचारों की धारा में, नित बहता जाता यह जीवन है। पल भी यह ना चैन पाता,विचारों में मग्न रहता अपना जीवन है। कभी विचारधारा हमारी... Read post
#20 Khamoshiyan bolti hai by Jitendra Kabir September 26, 2021 ・0 comments ・Topic: poem खामोशियां बोलती हैं यह सच है कि तुम बोलते कुछ नहीं बस तुम्हारी खामोशियां बोल जाती हैं सामने आते हो मेरे जब भी कभी होंठों पे हल्की सी मुस्क... Read post
#21 Bali ki bakari by Jitendra kabir September 26, 2021 ・0 comments ・Topic: poem बलि की बकरी एक चालाक आदमी एक आजाद घूमती बकरी को उसकी पसंदीदा घास का लालच देकर अपने बाड़े में ले आया, बकरी के चारे पानी का इंतजाम करके फिर उ... Read post
#22 Betiyan Jag ki ladali by Indu kumari September 26, 2021 ・0 comments ・Topic: poem बेटियाँ जग की लाडली जग की आधी आबादी कहलाती है बेटियाँ हर घर की रौनक है घरों को सजाती बेटियाँ माँ बन ममता लुटाती है भार्या बन बरसाती प्... Read post
#23 Hunkar rasvanti ke praneta by Dr. indu kumari September 26, 2021 ・0 comments ・Topic: poem हुंकार रसवंती के प्रणेता पैनी दृष्टि पहुँची पहले ऐसे थे रवि कालजयी रचनाएं धूमिल न होगी चमके चाँद सितारे मलिन न होगी साहित्य जगत के जीवंत हस... Read post
#24 Saari the great by Jay shree birmi September 26, 2021 ・0 comments ・Topic: lekh साड़ी द ग्रेट कुछ दिनों से सोशल मीडिया में एक वीडियो खूब वायरल हो रहा हैं।दिल्ली के एक रेस्टोरेंट में साड़ी पहने आई एक सन्नारी को अंदर आने... Read post
#25 Maa laut aa vapas by Rahul Aligadhi September 24, 2021 ・0 comments ・Topic: poem *माँ लौट आ वापस ......* आता है माँ का ख्याल, मन झकझोर जाता है, माँ लौट आ वापस, तेरा बेटा बुलाता है। चैन से सोता था हर दिन, तेरे ही आँचल मे... Read post
#26 Teri judai by nandini laheja September 24, 2021 ・0 comments ・Topic: poem तेरी जुदाई जब कोई अपना हो जाता हमसे जुदा रह जाता सिर्फ तस्वीरों में ,और यादें रहती सदा हर क्षण याद आती बातें उसकी और संग बिताये पल कही से व... Read post
#27 Dard a twacha by Jayshree birmi September 24, 2021 ・0 comments ・Topic: lekh दर्द–ए–त्वचा जैसे सभी के कद अलग अलग होते हैं,कोई लंबा तो कोई छोटा,कोई पतला तो कोई मोटा वैसे भी त्वचा में भी फर्क होता हैं।किसी की त्वचा गोर... Read post
#28 Han mai badal rha hu by Rahul Aligadhi September 24, 2021 ・0 comments ・Topic: poem *हाँ, मैं बदल रहा हूँ ...* जी भर के जीना सीख रहा हूँ, आईने में खुद को ढूंढ रहा हूँ। सीख रहा हूँ टेढ़े रास्तों का चलन, इसलिए थोड़ा थोड़ा संभल ... Read post
#29 Dekha hai maine by komal Mishra`koyal September 23, 2021 ・0 comments ・Topic: poem देखा है मैंने देखा है मैंने घरों में,कैद होती आवाजें, गुम होती खुशियाँ,उदास होते चेहरे। पीले पड़ते होंठ, दम तोड़ती उम्मीदें।। सब कुछ तो ... Read post
#30 Toot pada Aakash by vijay Lakshmi Pandey September 23, 2021 ・0 comments ・Topic: poem टूट पड़ा आकाश ...!!! बीती रात सहसा टूट पड़ा आकाश । आलय देवालय सब एकाकार । अनवरत गर्जना दामिनी दमक .... लपलपाती , सब लील जानें को हठ... Read post
#31 Thekedaro ka vikash by Jitendra Kabir September 23, 2021 ・0 comments ・Topic: poem ठेकेदारों का विकास छोटा ठेकेदार पंचायत स्तर पर करता है प्रचार और समर्थन 'दल विशेष' का, बदले में पाता है छोटे-मोटे काम, छोटे स्तर के... Read post
#32 Sagarbha stree ke aahar Bihar by Jay shree birmi September 23, 2021 ・0 comments ・Topic: lekh सगर्भा स्त्री के आहार विहार दुनियां के सभी देशों में गर्भवती महिलाओं का विशेष ख्याल रखा जाता हैं। जाहेर वाहनों और यातायात में उनके लिए जगह ... Read post
#33 Talash zindagi ki by komal Mishra koyal September 23, 2021 ・0 comments ・Topic: poem तलाश ज़िंदगी की क्या कुसूर मेरा था, बस अपने घर को छोड़ा था। पूरे हो सके ख़्वाब इन आँखों के, इसी खातिर तो अपनों से नाता तोड़ा था। छूटे थ... Read post
#34 Bhul jane ki takat rakhte hai by vijay Lakshmi Pandey September 23, 2021 ・0 comments ・Topic: poem भूल जानें की ताक़त रखते हैं ...!! हर लम्हा गुज़रता है मेरा , दर्द के आग़ोश में । जख़्म क्या देगा कोई , हूँ कहाँ मैं होश में ... Read post
#35 Hamari raahen alag hai by Jitendra Kabir September 23, 2021 ・0 comments ・Topic: poem हमारी राहें अलग हैं अगर तुम चाहते हो, मैं न बोलूं गलत को ग़लत और सही को सही, बेजुबान बन जाऊं या फिर बोलूं सिर्फ उतना जितना अच्छा लगे जमाने ... Read post
#36 Rishton ki dhundh story by Jayshree birmi September 22, 2021 ・0 comments ・Topic: story रिश्तों की धुंध जब नियति को पता चला कि आज उसका पति कोई और स्त्री के साथ देखा गया हैं तो उसे बहुत बुरा लगा।थोड़ी चिंता भी हुई क्योंकि निवेश ... Read post
#37 Mahilaon ke liye surakshit va anukul mahole September 22, 2021 ・0 comments ・Topic: lekh महिलाओं के लिए सुरक्षित व अनुकूल माहौल तैयार करना ज़रूरी - भारतीय संस्कृति हमेशा ही महिलाओं को देवी के प्रतीक के रूप में सम्मान देती रही ह... Read post
#38 Pran priye kavya by salil saroj September 22, 2021 ・0 comments ・Topic: poem प्राण-प्रिय अधरों पर कुसुमित प्रीत- परिणय केशों में आलोकित सांध्य मधुमय चिर- प्रफुल्लित कोमल किसलय दिव्य-ज्योति जैसी मेरी प्राण-प्रिय 1 द... Read post