नवंबर 2021

समानता का अधिकार - सुधीर श्रीवास्तव

समानता का अधिकार सुनने कहने में कितना मीठा, प्यारा लगता है " समानता का अधिकार"।      पर जरा धरातल पर आकर देखिये। हर क्षेत्र में स...

Cp 30 नव॰, 2021

सच्चाई सामने जरूर आएगी-जितेन्द्र 'कबीर'

सच्चाई सामने जरूर आएगी नुकसान होगा, सोचकर जो तुमने कदम खींच लिए अपने सच्चाई की राह से तो आस्था तुम्हारी सच्चाई पर कभी सच्ची न कहलाएगी, कहानि...

Cp 30 नव॰, 2021

संविधान दिवस विशेष- सुधीर श्रीवास्तव

व्यंग्य संविधान दिवस आइए ! मौका भी है दस्तूर भी है हमारे मन भरा फितूर जो है, आज भी हम संविधान संविधान खेलते हैं, जब रोज ही हम पूरी ईमानदार...

Cp 30 नव॰, 2021

संविधान, भारत का परिचय-डॉ. माध्वी बोरसे

संविधान, भारत का परिचय! भारत ने 1949 मैं संविधान को अपनाया, संविधान दिवस राष्ट्रीय कानून के रूप में मनाया, डॉ. भीमराव अंबेडकर ने सबसे बड़ा...

bolti zindagi 27 नव॰, 2021

मौत से इतना डर क्यों?- जितेन्द्र 'कबीर'

मौत से इतना डर क्यों? अब तक ज्यादातर मौत को  बताया जाता रहा है भयानक और जीवन को सुंदर, लेकिन बहुत बार देखा है मैंने  उससे उलट भी जीवन को भय...

Cp 27 नव॰, 2021

लोकतंत्र पर उल्लू हंसता- डॉ हरे कृष्ण मिश्र

लोकतंत्र पर उल्लू हंसता कोई चैनल खोल के देखो, बड़े-बड़े दिग्गज लगते हैं, मानो उनका ज्ञान आंकना, जनता को बहुत कठिन है ।। कभी-कभी मैं भी सुनत...

Cp 27 नव॰, 2021

धैर्य रखिए_डॉ. माध्वी बोरसे

धैर्य रखिए! आजकल के समय में, सभी के अंदर धैर्य की बहुत कमी है, बहुत सी बार कर्मचारियों से गलती हो जाती है, पर उसे समझाने की जगह मालिक उस पर...

bolti zindagi 27 नव॰, 2021

प्रधानमंत्री ( एक व्यक्तित्व )-डॉ हरे कृष्ण मिश्र

प्रधानमंत्री  ( एक व्यक्तित्व ) मोदी जी पर कविता लिखना, बहुत सरल है सरलता उनकी, बाल काल से कर्मयोगी बन ,  चला पिता का आज्ञाकारी ।। आज भी उन...

Cp 27 नव॰, 2021

कैसे पल्लवित होंगी प्रतिभाएं?- जितेन्द्र 'कबीर'

कैसे पल्लवित होंगी प्रतिभाएं? पलायन करती हैं यहां से प्रतिभाएं, क्योंकि उनको सहेजने, प्रोत्साहित व सम्मानित करने के स्थान पर हम  उनका करते ...

Cp 27 नव॰, 2021

करोना आजकल-जयश्री बिरमी

करोना आजकल बहुत ही बुरा दिन हमने झेले हैं ये विषाणुओं की वजह से ,दिन नहीं साल बोलेंगे तो ही सही रहेगा। जब पहले चीन में हुई शुरुआत तो वीडियो...

bolti zindagi 27 नव॰, 2021

लोग क्या सोचेंगे-डॉ. माध्वी बोरसे!

लोग क्या सोचेंगे! बहुत समय पहले मैंने कहानी सुनी थी, जिसमें एक आदमी अपने गधे के साथ जाता है, जब वह गधे को चलाते हुए जाता है, तो लोग कहते है...

bolti zindagi 25 नव॰, 2021

स्वयं को बेहतरीन बनाइए-डॉ. माध्वी बोरसे

स्वयं को बेहतरीन बनाइए! एक जिंदगी है, दूसरे जन्म का हमें कोई पता नहीं! इतना तो पता है कि हमें इस जिंदगी को प्रसन्नता पूर्वक, सकारात्मक सोच ...

bolti zindagi 24 नव॰, 2021

खुद से ना दूर करो- अंकुर सिंह

*खुद से ना दूर करो* रूठना हक तुम्हारा, मानना फर्ज हमारा।  माफ कर दो अबकी, बिन तुम्हारे मैं हारा।। तुम जितनी रुठोगी, हम उतना मनाएंगे। हो जित...

Cp 24 नव॰, 2021

सुनियोजित अभियान- जितेंद्र कबीर

सुनियोजित अभियान एक आठवीं फेल नौजवान  इतिहास के एक अध्यापक से बहस के दौरान देकर पूरे इतिहास को झूठा और पक्षपातपूर्ण करार, शून्य कर देता है ...

Cp 23 नव॰, 2021

बड़े चालाक हो मेरे प्रभु - सिद्धार्थ गोरखपुरी

बड़े चालाक हो मेरे प्रभु  बड़े चालाक हो मेरे प्रभु हर गुत्थी सुलझाए रखते हो। बस हमे ही जीवन मृत्यु के बीच यूँहीं उलझाए रखते हो। आदमी को ठोकर ...

Cp 23 नव॰, 2021

मिलन - अनीता शर्मा

मिलन हो रहा है मधुर मिलन सुदूर गगन धरा का यूँ गोधूली की क्षितिज बेला में। गवाह चाँद सितारे हैं गगन ने झुक चूमा मुख धरा का मुख सुर्ख है। पवन...

Cp 23 नव॰, 2021

बिन तुम्हारे ???- डॉ हरे कृष्ण मिश्र

बिन तुम्हारे  ??? जीवन के मूल्यों को मैंने,  समझ नहीं पाया है, जुड़ी है मृत्यु जीवन से,  इसे समझ नहीं पाया ।। नदी के ये किनारे दो,  सागर तट...

Cp 23 नव॰, 2021

कविता- माई से- सिद्धार्थ गोरखपुरी

कविता- माई से हम कितने क़ाबिल है ये कमाई तय करती है। हम हमेशा से क़ाबिल हैं ये बस माई तय करती है। हमारे इज्जत का पैमाना तय होता है कमाई से। ह...

Cp 23 नव॰, 2021

सफर - अनीता शर्मा

सफर जिंदगी में चुनौतियां बहुत है मगर..... डगर मुश्किल भरी है। सफर तो चुनौतियों भरा है मगर...... बढ़ते जाना बाधाओं से टकराकर। मंजिल की राह क...

Cp 23 नव॰, 2021

प्रेम हमेशा रहेगा- जितेन्द्र 'कबीर'

प्रेम हमेशा रहेगा मजबूरियां सांसारिक हैं हमारी ख़त्म हो जाएंगी देह के साथ ही, लेकिन प्रेम अमर है आत्मा की तरह रहेगा तब तक जब तक है जीवन इस ...

Cp 23 नव॰, 2021

कोशिश- अनीता शर्मा

"कोशिश" कोशिश करने वालों की कभी हार नहीं होती। हिम्मत से आगे बढ़ कर प्रयत्न करते जाना है। मन में आत्म विश्वास हो और आत्म नियंत्रण...

Cp 23 नव॰, 2021

आहत - सुधीर श्रीवास्तव

आहत  कितना आसान है  किसी को आहत करना, जले पर नमक छिड़कना । पर जरा सोचिए कोई आपको यूँ आहत करेगा तब कैसा लगेगा? मगर हम सब आदत से लाचार हैं, अप...

Cp 23 नव॰, 2021

जीवन रूपी चाय-डॉ. माध्वी बोरसे!

जीवन रूपी चाय! बचपन हमारा, सफेद दूध जैसा, जिंदगी ने लगाया, उबाल यह कैसा, कोई ना, जिंदगी को एक स्वादिष्ट चाय बनाएं, इसकी खुशबू से, जीवन को मह...

bolti zindagi 23 नव॰, 2021

किसका कार्य?-डॉ. माध्वी बोरसे!

किसका कार्य? आज 21वीं सदी में, हम पूरी तरह से दकियानूसी सोच से आजाद हो चुके हैं, फिर भी बहुत से व्यक्ति इस से आजाद नहीं होना चाहते हैं, पुर...

bolti zindagi 22 नव॰, 2021

सर्दियां अदरक और हम -जयश्री बिरमी

सर्दियां अदरक और हम आयुर्वेद में अदरक के फायदों का वर्णन किया गया हैं ये तो अपने देश में ही नहीं पूरी दुनियां में प्रचलित हैं।अदरक  को हम  त...

bolti zindagi 22 नव॰, 2021

बेमौत मरती नदियां , त्रास सहेंगी सदियां ।-आशीष तिवारी निर्मल

बेमौत मरती नदियां , त्रास सहेंगी सदियां । छठ पर्व पर एक भयावह तस्वीर यमुना नदी दिल्ली की सामने आयी, जिसमें सफेद झाग से स्नान वा अर्क देते श्...

bolti zindagi 22 नव॰, 2021

उड़ गई तितली- देवन्ती देवी चंद्रवंशी

उड़ गई तितली कैसे कहूॅ॑ सखी कुछ कही न जाए मन हुई तितली देखो उड़ती जाए कैसे रोकूॅ॑ मेरी बावरी हुई  है  मन  कैसे रोकुॅ॑ प्रीत की आग लगी तन   ...

bolti zindagi 22 नव॰, 2021

खाया पिया कुछ नहीं ग्लास तोड़ा बारह आना-जयश्री बिर्मी

खाया पिया कुछ नहीं ग्लास तोड़ा बारह आना किसान कानून की वापसी कही गढ़ आला पन सिंह गेला न बन जाएं। शिवाजी के बहादुर सैनिक थे तानाजी जिनको कौं...

bolti zindagi 22 नव॰, 2021

किस्से मोहब्बत के-तेज देवांगन

किस्से मोहब्बत के किस्से मोहब्बत के किसको सुनाएं, सब यहां कहानीकार बने है। लिख दूं गजल मैं, गर किताबों पे, पढ़ने वालो के अभाव बड़े हैं। किस...

bolti zindagi 22 नव॰, 2021

कोविड-19 से हुई क्षति की रिकवरी -किशन भावनानी गोंदिया

कोविड-19 से हुई क्षति की रिकवरी व समाज की बेहतरी के लिए ज्ञान, धन और आर्थिक संपदा अर्जित करने हेतु नए विचारों और नवाचारों के साथ आगे आना ज़...

bolti zindagi 22 नव॰, 2021

हम और हमारी आजादी-जयश्री बिर्मी

हम और हमारी आजादी कंगना के बयान पर खूब चर्चे हो रहे हैं लेकिन उनके  बयान  के आगे सोचे तो बहुत कुछ सोचने वाले प्रश्नों का सामना हो जायेगा।कुछ...

bolti zindagi 22 नव॰, 2021

358 दिन के आंदोलन से हुई लोकतंत्र की जीत

किसान एकता के आगे झुकी सरकार, हुई कृषि कानून की वापसी 358 दिन के आंदोलन से हुई लोकतंत्र की जीत तीन कृषि कानून वापिस हुए। किसानों की जीत हुई...

bolti zindagi 22 नव॰, 2021

हाय रे गंतव्य जीवन - डॉ हरे कृष्ण मिश्र

हाय रे गंतव्य जीवन चली अचानक गई यहां से, जिसका कोई विश्वास नहीं, अंधकार में टटोल रहा हो , जैसे राही गंतव्य मार्ग को ।। बाल अरुण के रथ पर दे...

Cp 22 नव॰, 2021